जाति जनगणना के आंकड़ों के बारे में राजनीतिक विवाद बढ़ रहा है। सरकार कह रही है कि आंकड़ा सही है, वहीं विपक्ष कह रही है कि आंकड़ा गलत है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें विपक्षी दलों के नेता भी मौजूद थे। एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा है कि आंकड़े सही नहीं हो पाते हैं और जाति की आधार पर लोगों का पेशा तय होता है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के हिसाब से पिछड़ों की आबादी अब 63% हो गई है और इसलिए उनका आरक्षण बढ़ाना चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही ओबीसी में भी आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग की है।

अख्तरुल ईमान ने कहा है कि आंकड़ों के बावजूद अभी भी एससी और एसटी की सीटें खाली रह जाती हैं और इससे उनका सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि इसलिए आरक्षण का आकार बढ़ाना चाहिए। वह यह भी कहा है कि जितनी आबादी किसी कम्युनिटी की होगी, उसका आरक्षण में भी दायरा बढ़ाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया है कि उनकी पार्टी का स्टैंड है कि चूंकि सब कुछ कराया गया है, इसलिए अब आरक्षण का आकार बढ़ाना चाहिए।

अख्तरुल ईमान ने उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री को सामयिक रिपोर्ट पर ध्यान देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अगर रिपोर्ट आ गई है और दवा नहीं दी जाएगी तो यह मरीजों के साथ धोखा होगा। उन्होंने दावा किया है कि आने वाले दिनों में उनकी पार्टी की मांग है कि आरक्षण का आकार बढ़ाना चाहिए और पिछड़ों और अति पिछड़ों की मांग है।

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