Bhagalpur: A bhajan sandhya (devotional singing) was organized at the Budhanath Temple in Bhagalpur. Normally, Ravana is burned during the Durga Puja festival, but this time he was burned for the second time in the city. The event was held at the Budhanath Temple premises in connection with the program held in Ayodhya. People started gathering at the temple in the evening for Ravana Dahan. The head priest of the temple, Shiv Narayan Giri, and program coordinator Girish Chandra Jha set fire to the effigy of Ravana using arrows. The effigy of Ravana was made by Ram Kishun from Nathnagar along with his grandson Prashant Kumar. The height of the effigy was 40 feet, which was quite attractive to look at. Valmiki Singh and others, including the manager of the Budhanath Temple, participated in the Ravana Dahan. The devotional singing and chanting continued throughout the night.
भजन संध्या का आयोजन: A bhajan sandhya (devotional singing) was organized
दूसरी बार रावण को जलाया गया: Ravana was burned for the second time
रावण का पुतला: The effigy of Ravana
रावण की ऊंचाई: The height of the effigy of Ravana
रावण दहन में शामिल रहे: Participated in the Ravana Dahan
भागलपुर के बूढ़ानाथ मंदिर में रावण दहन का आयोजन किया गया। यह ऐसा नहीं है कि रावण को दुर्गा पूजा के अवसर पर ही जलाया जाता है, बल्कि यह इस शहर में दूसरी बार हुआ है। इस आयोजन को बूढ़ानाथ मंदिर के परिसर में किया गया है। इसके लिए बहुत सारे लोग इस मंदिर में इकट्ठे हो गए थे। मंदिर के महंत शिव नारायण गिरी और कार्यक्रम संयोजक गिरीश चन्द्र झा ने रावण के पुतले में आग लगाई। रावण का पुतला नाथनगर के राम किशुन और प्रशांत कुमार ने बनाया था। इसकी ऊंचाई 40 फीट थी और यह देखने में बहुत आकर्षक लग रहा था। रावण दहन में बूढ़ानाथ मंदिर के प्रबंधक वाल्मीकि सिंह भी शामिल रहे। इसके साथ ही कीर्तन भजन भी चल रहा था और श्रद्धालु भक्तजन उसमें भाग ले रहे थे।