Attractive Kanwars at Shravani Mela

During the Shravani Mela, the Kanwars along with their decorated water pots have become a center of attraction. A group of hundreds of Kanwars from Marufganj in Patna city, carrying a 54-foot Kanwar, have made their way to Mungeer’s Kachhi Kanwariya Path, attracting the attention of the public.

Preparation and Design of the Kanwar

The Kanwar, which is 54 feet long, has been prepared with intricate designs including the images of Goddess Kali, Goddess Durga, Lord Ganesha, Lord Shiva-Parvati, and a Shiva Linga. It has a 6-hour clock filled with 50 liters of water, making it visually appealing to onlookers.

Annual Tradition of Kanwar Yatra

For the past 25 years, every year, people have been carrying Kanwars to Baba Baijnath Dham and offering water to the deity within 54 hours. The president of the Kanwar Sangh, Vinod Baba, shared that he had a dream of carrying a Kanwar to the holy place, which inspired the tradition of the annual Kanwar Yatra.

Journey to Baba Dham with Kanwars

Members of the Kanwariya Sangh, such as W Kumar, Shankar Kumar, Mohit Malya, and Ankit Soni, mentioned that they determine the distance to Baba Dham based on the length of the Kanwar they are carrying. They shared that they used to travel with a 54-foot Kanwar for four years until an incident led them to take a break and travel comfortably to Baba Dham.

श्रावणी मेला में कावरियों के साथ उनके कांवर भी आकर्षक का केंद्र बने हुए है। रविवार को पटना सिटी मारूफगंज से विशाल शिवधारी संघ के सैकड़ों कांवरियों का 54 फीट का कांवर मुंगेर के कच्ची कांवरिया पथ में आकर्षक का केंद्र बना रहा है। इसे देखने के लिए आम लोगों क.बता दें कि पटना जिला अंतर्गत मारुफगंज के विशाल शिवधारी संघ के 500 कांवरियों का जत्था सुल्तानगंज से गंगाजल भरकर 54 फीट लंबे कांवर लेकर बुधवार को बाबाधाम के लिए रवाना हुआ। उक्त कांवर को देखकर लोग अचंभित हो गए।कांवर के छह घड़े में 50 लीटर जलगोगाचक में विश्राम कर रहे कांवरियों ने बताया कि उक्त कांवर को तैयार करने में लगभग 25 दिन का समय लगा हैं। कांवर पर देवघर में बने शिव पार्वती की मंदिर की आकृति सहित मां काली की प्रतिमा, मां दुर्गा की प्रतिमा, गणेश प्रतिमा, शिव-पार्वती की प्रतिमा और शिवलिंग भी बना हुआ है। कांवर में 6 घड़ा लगा हुआ है, जिसमें 50 लीटर जल भरा हुआ है। जो काफी मनमोहक लग रहा है।कांवर।संघ के अध्यक्ष विनोद बाबा ने बताया कि 25 सालों से प्रत्येक साल कांवर लेकर सभी लोग बाबा बैजनाथ धाम जाते हैं और 54 घंटों में बाबा को जल अर्पित करते हैं। यह बताते है कि स्वप्न आया था कि मै कांवर लेकर जा रहा हूं और कांवर धरती में घसीटते जा रहा है। उसी साल से मैने कांवर संघ बनाया और 54 फीट के कांवर में जल भरकर प्रत्येक साल बाबा धाम जाने लगे।54 फीट का कांवर को लेकर जाते है डाक बमकांवरिया संघ के सदस्य डब्लू कुमार,शंकर कुमार, मोहित माल्या,अंकित सोनी ने बताया कि जितने फीट का कांवर है, उतने ही घंटों में हम लोग दूरी तय कर बाबा धाम पहुंचते है और जलाभिषेक करते है।उन लोगों ने बताया कि चार सालों तक हम लोग 54 फिट कांवर को लेकर डाक बम जाते रहे। लेकिन, एक बार विनोद बाबा के मुंह से खून आने लगा, तब से हम लोग आराम करते बाबा धाम जाने लगे।

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