अभी अभी मिली एक बड़ी खबर के अनुसार जनता दल यूनाइटेड को एक तगड़ा झटका लगा है. कहा जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इनके बारे यह कहा जाता है कि ये सीएम नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते हैं, लेकिन कुछ दिनों से पार्टी में शरद गुट और नीतीश गुट के बीच आई खटास के समय से काफी नाराज चल रहे थे.
जबकि यह भी खबर ही कि जदयू द्वारा बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के फैसले के भी ये पक्ष में नहीं थे. हालांकि इससे पहले भी इन्होने जदयू द्वारा एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के फैसले का भी विरोध किया था. बता दें कि इस राज्यसभा सांसद का नाम वीरेंद्र कुमार हैं जोकि अब इस्तीफा दे चुके हैं. इन्हें केरल जदयू का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया था, उन्होंने इस पद को भी त्याग दिया है.
राज्यसभा सांसद रहते एम.पी. वीरेंद्र कुमार ने यह कहा था कि एनडीए को समर्थन नहीं देंगे और उन्हें यदि इसके लिए बाध्य किया गया तो वे इस्तीफा दे देंगे. वे नीतीश कुमार के फैसले से खुश नहीं हैं. वे एनडीए को समर्थन देने के व्हिप का पालन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा था कि यदि उन्हें एनडीए को समर्थन देने के लिए बाध्य किया जायेगा तो वे इस्तीफा दे देंगे.
बुधवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान के बाद जदयू को बड़ा झटका लगा है. क्योंकि भले ही जदयू बिहार में सरकार में हैं लेकिन शरद गुट के अलग होने के बाद जदयू लगातार कमजोर पड़ती जा रही है. इसका उदहारण गुजरात चुनाव में देखने को मिल गया, जहां जदयू के सारे उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई और पुरे गुजरात से जदयू को मात्र 28 हजार वोट मिले.