पिछले कुछ समय से लोग बिटकॉइन जे जरिए अपने पैसे को डबल करना चाह रहे है जबकि कई तो पहले इसके झांसे मी आ चुके हैं. लेकिन लोग इसके कई घातक नुकसानों से अनजान है, जिसको वित्त मंत्रालय ने सबके सामने लाया है. सरकार के अनुसार इस काम में कई खतरे हैं. बिटकॉइन जैसी डिजिटल करंसी को कानूनी मान्यता नहीं मिली है और न ही इसकी सुरक्षा की कोई गारंटी है.
मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि बिटकॉइन या ऐसी अन्य वर्चुअल करंसी पोंजी स्कीम की तरह हैं जिनके इस्तेमाल से मेहनत की कमाई बर्बाद होने का रिस्क बना रहता है. सरकार ने ग्राहकों और खासकर खुदरा ग्राहकों को इसके प्रति चौकन्ना रहने की हिदायत दी है. यह साफ किया गया है कि अभी सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक ने इस इस तरह की क्रिप्टोकरंसी को मंजूरी नहीं दी है. डिजिटल करंसी को क्रिप्टोकरंसी भी कहते हैं.
बिटकॉइन या ऐसी ही अन्य करंसी को दरअसल डिजिटल रूप में स्टोर किया जाता है जिससे हैकिंग, वायरस के हमले या पासवर्ड खो जाने का जोखिम बना रहता है. इन दिनों बिटकॉइन अपनी बढ़ी हुई कीमतों को लेकर सुर्खियों में ज्यादा है, लेकिन सरकार ने साफ किया है कि बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरंसी के दाम अटकलों पर आधारित हैं.
वित्त राज्यमंत्री पी. राधाकृष्णन ने लोकसभा में बताया कि आर्थिक मामलों के विभाग ने एक समिति का गठन कर दुनियाभर में बिटकॉइन या इसी तरह की क्रिप्टोकरंसी के नियमन और कानूनी ढांचे का अध्ययन किया और इसके नियमन के लिए एक ढांचा खड़ा करने के सुझाव भी दिए. समिति ने इस बारे में रिपोर्ट दे दी है जिस पर सरकार विचार कर रही है. लोगों को इससे तरह की कम्पनियों के झांसे में आने से बचना होगा.