मानव श्रृंखला पर नीतीश सरकार को तगड़ा झटका लगा है. इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट द्वारा गया है कि मानव श्रृंखला में अभिभावकों की अनुमति के बिना बच्चे भाग नहीं लेंगे. इस मामले में राज्य सरकार कार्रवाई भी नहीं कर सकेगी
भाग नहीं लेने वाले बच्चों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. जनहित याचिका पर सीजे राजेन्द्र मेनन ने इस मामले में सुनवाई की है. इस पर 4 सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी.
दहेज प्रथा और बालविवाह के विरुद्ध जागरुकता अभियान के तहत 21 जनवरी को राज्य सरकार के मानव श्रृंखला बनाने के निर्णय पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. शिवप्रकाश रॉय की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन की खंडपीठ सुनवाई की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर समाज में दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों के विरुद्ध जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. 21 जनवरी को पूरे राज्य में मानव श्रृंखला बनाया जाएगा, जिसमें स्कूली बच्चों को भी शामिल किया जाएगा. सरकार के इस निर्णय इसे चुनौती देते हुए पटना हाई कोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी.
इससे पहले शराबबंदी को लेकर बिहार में आयोजित मानव श्रृंखला में स्कूली बच्चों को जबरन शामिल कराने पर भी पटना हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई थी. इस मुद्दे पर हाइकोर्ट में सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बिहार के डीजीपी पी के ठाकुर और मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को भी तलब किया था. इधर मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए सरकार और पार्टी दोनों स्तर पर तैयारी चल रही है.