त्रिवेणी शुगर मिल में सफाई के दौरान करीब पांच कुंतल भारी रुले की कपलिंग गिरने से दो कर्मचारी दबकर गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना से मिल में हड़कंप मच गया आनन-फानन में घायलों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर चिकित्सकों ने एक कर्मचारी को मृत घोषित कर दिया जबकि दूसरे कर्मचारी की हालत गम्भीर बनी हुई है। दुर्घटना में हुई अचानक मौत से मृतक कर्मचारी के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
पांच कुंतल का भारी-भरकम कपलिंग
वर्तमान गन्ना पेराई सत्र समाप्त होने के बाद शुक्रवार को त्रिवेणी शुगर मिल में सफाई कार्य चल रहा था। बिहार के आठ दस कर्मचारी मिल हाउस में करीब दस फुट ऊपर लगी रुले की कपलिंग को साफ करने के लिए खोल रहे थे। इसी दौरान करीब पांच कुंतल भारी कपलिंग अचानक नीचे आ गिरी जिसकी चपेट में आकर मिल कालोनी के छपरा निवासी 40 वर्षीय रमाकांत पुत्र बिजेंद्र पाल व गांव लबकरी निवासी 42 वर्षीय मुकेश पुत्र लख्मीचंद घायल हो गए जबकि अन्य कर्मचारी कपलिंग की चपेट में आने से बाल-बाल बच गया। दुर्घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया।
शव देखकर मचा कोहराम
आनन-फानन में घायलों को रेलवे रोड स्थित एक प्राइवेट चिकित्सक के यहां उपचार के लिए लाया गया जहां पर चिकित्सकों ने रमाकांत को मृत घोषित कर दिया जबकि मुकेश की हालत गंभीर बनी हुई है। दुर्घटना की सूचना पर अस्पताल पहुंचे मृतक परिजनों में रमाकांत का शव देखकर कोहराम मच गया। मिल परिसर में हुई दुर्घटना के बावजूद किसी मिल अधिकारी के अस्पताल न पहुंचने से वहां मौजूद अन्य मिल कर्मियों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।
सूचना पर एसडीएम रामविलास यादव और सीओ सिद्धार्थ सिंह मौके पर पहुंचे और समझा-बुझाकर लोगों को शांत किया। मिलकर्मियों ने पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता एवं मृतक रमाकांत के पुत्र को मिल में स्थायी नौकरी दिलाने की मांग अधिकारियों के सामने रखी। एसडीएम ने मिल प्रबंधन से वार्ता करते हुए मांग के सम्बंध में तुरंत निर्णय लेने के लिए कहा। एसडीएम रामविलास यादव ने बताया कि मिल के जो भी नियम होंगे उसके अनुसार मृतक व घायल परिवार की अधिक से अधिक मदद कराई जाएगी। मौके पर पहुंचे मिल के प्रशासनिक अधिकारी राजीव त्यागी ने भी उचित आश्वासन दिया।
सदमे में बीवी और बच्चे
अचानक पति की मौत की खबर सुन मृतक रमाकांत की पत्नि रूचि सदमे में पहुंच गई। अस्पताल में पति के शव के पास खड़ी रूचि बस दो टूक अपने पति को देखे जा रही थी। कभी अपने पति के सिर पर हाथ फेरती तो कभी उसके हाथ सहलाती रूचि को मौके पर मौजूद लोगों ने संभालते हुए रोने के लिए कहा तो वह सदमे में बेहोश हो गई। ऐसा ही हाल रमाकांत के पुत्र शिवम और पुत्री शिवानी का था। बाप की मौत के सदमें से बेहाल दोनों बच्चों की चीखों से पूरा अस्पताल परिसर गूंज रहा था। जिसे सुनकर मौके पर मौजूद सभी लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।
मिल में ऐसा ही होता है, पहले योगेश अंकल और अब हमारे पापा को मिल ने हम से छीन लिया। इस मिल में कोई सिक्योरिटी नहीं है। कोई मेरे पापा को उठा दो मैं उन्हें अपने हाथों से चाय बनाकर पिलाऊंगी। पापा उठ जाओ अब मैं तुमसे कोई फरमाइश नहीं करूंगी.. दिल को चीर देने वाले यह शब्द मृतक रमाकांत की पुत्री शिवानी के हैं जो बदहवास हालत में सरकारी अस्पताल के एक कमरे में रखे अपने पिता के शव को देखकर उसके मुंह से निकल रहे थे।