सऊदी शौरा काउंसिल ने दोबारा से इस प्रस्ताव पर बहस को छेड़ दिया की “सऊदी अरब में दुकानें 6:00 बजे तक बंद हो जानी चाहिए.”
हम दे रहे हैं यह प्रस्ताव
शौरा परिषद के सदस्य सईद अल-मालकी ने कहा “कि हमें उन लोगों के लिए श्रम कानून की जरुरत है जो शॉपिंग सेंटर और वाणिज्यिक स्टोर में काम करते हैं.”
उन्होंने कहा की “”हम प्रस्ताव दे रहे हैं कि दुकानों को 6:00 बजे तक बंद होना चाहिए. रात में देर तक गैस स्टेशन और फार्मेसियां खुली रह सकती हैं.” उन्होंने कहा की ” दुकाने जल्दी बंद करने से अर्थव्यवस्था प्रभावित नहीं होगी.”
सऊदी और प्रवासी
उन्होंने कहा कि यह सऊदी के निवासियों को उन नौकरियों को करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा जिन्हें प्रवासी यहाँ स्वेच्छा से दिन में 16 घंटे करते हैं .”
उन्होंने कहा की “सऊदी के नागरिक कार्यस्थल पर 16 घंटे खर्च नहीं कर पाएंगे क्योंकि उनके परिवार की प्रतिबद्धता है.”
उन्होंने कहा की “खुदरा क्षेत्र में 1.2 मिलियन से अधिक नौकरियों पर विदेशी श्रमिकों द्वारा कब्जा कर लिया जाता है जो रोजाना 15 घंटे काम करने के लिए तैयार होते हैं. सऊदी के नागरिक , जिन्हें विदेशियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल लगता है, ने इस क्षेत्र में केवल 300,000 नौकरियां ली हैं.
सऊदी फ्रांसी कैपिटल ने पिछले साल जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में उपभोक्ताओं का कुल खर्च एसआर 416 बिलियन पर अनुमानित किया था , जिनमें से 35 प्रतिशत या एसआर 146 बिलियन 9 पीएम के बाद खर्च किया जाता है.
इस राशि का लगभग 20 प्रतिशत भोजन और पेय, कपड़ों और फर्नीचर में 15 प्रतिशत, रेस्तरां और होटल में 30 प्रतिशत तक जाता है.
पिछले साल शौरा काउंसिल ने श्रम और सामाजिक विकास और नगर निगम और ग्रामीण मामलों के मंत्रालयों से छोटे आपूर्ति भंडार बंद करने और खुदरा लाइसेंस जारी करने के लिए केवल बड़े स्टोरों को बुलाया जो बड़ी संख्या में सऊदी पुरुषों और महिलाओं को रोजगार देने में सक्षम हैं. ऐसा माना जाता था कि इस तरह की चाल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और तसत्तूर को रोक देगा (सौदियों के नाम पर विदेशी कुछ व्यवसाय कर रहे हैं.)