भारत में चल रहे सबरीमला विवाद की गूंज सऊदी अरब तक पहुंच गई है। इस मामले में सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ करने के कारण एक भारतीय को नौकरी से निकाल दिया गया। बताया जा रहा है कि बुधवार को नौकरी से बर्खास्त किया गया यह व्यक्ति सबरीमला को लकेर महिलाओं के ऊपर आपत्तिजनक कमेंट किया था।
केरल का दीपक पवित्रम नाम का शख्स रियाद के लुला हाइपरमार्केट नामक एक स्टोर में काम करता था। मंगलवार को उसने सोशल मीडिया पर महिलाओं के ऊपर कई गैर वाजिब और अमर्यादित टिप्पणी की थी। उसके बाद उसे बुधवार को नौकरी से निकाल दिया गया।
खलीज टाइम्स की खबर के मुताबिक लुला ग्रुप के पीआरओ वी नंदकुमार ने दीपक को निकलने की घोषणा करते हुए कहा, ‘ हमारी फर्म में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और पूर्वाग्रह से ग्रसित टिप्पणी करने को लेकर नियम बेहद कड़े हैं।
हम सोशल मीडिया के दुरुपयोग को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते हैं। हमें यह ध्यान रखना होता है कि हम एक मुस्लिम कंट्री में काम करते हैं जहां औरतों की बेहद इज्जत की जाती है।
गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल के तहत आने वाले सभी देशों में विविध संस्कृति के लोग रहते हैं। हम सभी की संस्कृति और धार्मिक भावना का सम्मान करते हैं, इसलिए हम इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने को बाध्य हैं।’
दीपक ने पानी फेसबुक पोस्ट में सबरीमला के लिए आंदोलन कर रही महिलाओं के लिए कई आपत्तिजनक बातें लिखी थीं। हालांकि जब कम्पनी ने आपत्ति उठाई तो दीपक ने इस पोस्ट के लिए माफी मांग ली थी, फिर भी उसे नौकरी से निकाल दिया गया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश लगी रोक को ख़त्म कर दिया था।
बुधवार को जब मंदिर कम कपाट खुले तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन हुए। अभी तक महिलाओं का मंदिर में प्रवेश नहीं हो पाया है और वो इसके लिए आंदोलनरत हैं।
बता दें कि खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में केरल के लोग रहते हैं। इंडिया स्पेंड की रिपोर्ट के अनुसार भारतवंशियों द्वारा देश में भेजे जाने वाली कुल विदेशी मुद्रा में केरल का सबसे बड़ा योगदान होता है।
भेजी जाने वाली कुल विदेशी मुद्रा में केरल का योगदान 40 प्रतिशत, पंजाब 12.7 प्रतिशत, तमिलनाडु 12.4 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश 7.7 प्रतिशत है।
सोशल मीडिया पर कमेंट को लकेर किसी को नौकरी से निकाले जाने के यह दूसरा मामला है। इससे पहले अगस्त महीने में केरल के ही एक व्यक्ति को ओमान में बाढ़ पीड़ितों पर उसकी अपमानजनक टिप्पणी के चलते नौकरी छोड़नी पड़ी थी।