सऊदी विदेश मंत्री आदिल अल-जुबैर ने गुरुवार को काहिरा में अरब लीग आपातकालीन बैठक के दौरान कहा कि “अमेरिकी दूतावास को जेरूसलम में ले जाना अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है.”
 
अल अरेबिया के मुताबिक, यूएस एम्बेसी के कदम और गाजा पर चर्चा करने के लिए विदेश मंत्रियों की आपातकालीन बैठक के दौरान अल-जुबैर ने कहा कि “हम अमेरिकी दूतावास के कदम को यरूशलम में खारिज करते हैं. हम इजराइल के इस फैसले के सख्त खिलाफ है. उन्होंने कहा कि, हम इस फैलसे फिलीस्तीनी हितों के खिलाफ पूर्वाग्रह मानते हैं.” अमेरिकी निर्णय को खारिज करते हुए व्यापक अंतर्राष्ट्रीय रुख पर “जोर देकर अल ज़ुबैर ने कहा कि “जेरूसलम की स्थिति को बदलने का कोई कानूनी प्रभाव नहीं है. “
 
सऊदी विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि “फिलीस्तीनी मुद्दा सऊदी अरबिया के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. वर्ल्ड न्यूज़ अरेबिया को मिली जानकारी के मुताबिक, “अल-जुबैर ने कहा कि “किंग सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने जोर देकर कहा है कि सऊदी अपने वैध अधिकार बहाल करने के लिए फिलिस्तीनियों का समर्थन करने में संकोच नहीं करेगा.”

अल अरेबिया के मुताबिक, अपने हिस्से के लिए, अरब लीग के महासचिव अहमद अबू अल-गईत ने “कब्जे के अपराधों में एक विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय जांच” की मांग की है. साथ ही “अमेरिकी दूतावास को जेरूसलम में ले जाने का निर्णय सभी चरणों में खारिज कर दिया गया है.”
अबू अल-गईत ने कहा कि यह “गैर जिम्मेदार निर्णय इस क्षेत्र को तनाव की स्थिति में ले जाएगा.” साथ उन्होंने यूनाइटेड नेशन से इजराइल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग की है.
दूसरी तरफ, अबू अल-गईत ने जोर देकर कहा कि अरब लीग ग्वाटेमाला गणराज्य द्वारा जेरूसलम में अपनी एम्बेसी को खोलने के लिए उसकी निंदा करता है. साथ ही उन्होंने कहा ग्वाटेमाला दूतावास ने जेरूसलम में अपने दूतावास को स्थानांतरित किया है.” इस फैसले से दुनियाभर में गुस्से का माहौल फ़ैल गया है.

संयुक्त अरब अमीरात विदेश मामलों के राज्य मंत्री अनवर गर्गश ने गाजा नरसंहार में अंतर्राष्ट्रीय जांच की मांग की, “हम फिलिस्तीनियों की रक्षा के लिए तत्काल अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करेंगे.”

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