सऊदी अरब के कर्ज में फंसे अरबपति अब इस स्थिति में आ गए हैं कि उनहें अपनी संपत्ति तक को बेचना पड़ रहा है। सऊदी अरब के ऐसे ही एक अरबपति मान-एल-सनेआ और उनकी कंपनी पर कर्जदाताओं का 18 अरब रियाल (करीब 4.8 अरब डॉलर) की देनदारी है।
अगले माह से मान-एल-सनेआ और उनकी कंपनी की प्रॉपर्टी नीलाम की जाएगी। सनेआ जो साल 2007 में फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल थे उन्हें बीते साल कर्ज न चुका पाने के लिए हिरासत में ले लिया गया था। साल 2009 में अपनी कंपनी साद ग्रुप डिफाल्ट हो चुकी है।
इनका मामला दूसरे दर्जन भर सऊदी कारोबारियों और विशिष्ट लोगों से अलग है जोकि पिछले साल रियाद के शिट्ज कार्लटन होटल के मामले में भ्रष्टाचार में फंसे थे। हालांकि, इसकी वजह से कई निवेशक कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर चिंतित हो गए। साद के कर्ज विवाद को निपटाने के लिए 2016 में बनाए गई तीन जजों के ट्रिब्यूनल ने बीते साल Etqaan अलायंस नाम से एक कस्टोडियम को नियुक्त किया, ताकि अरबपति की संपत्ति को बेचा जा सके।
जमीनें होंगी नीलाम
खाेगबार और डाममाम के पूर्वी क्षेत्र में अविकसित और कमर्शियल जमीन, फार्म और आवासिय इमारतों को नीलाम किया जाना है। सू्त्रों ने कहा कि यह नीलामी अक्टूबर के अंत में होगी। एक सोर्स का अनुमान है कि इस नीलामी से एक से दो अरब रियाल (26.7-53.3 करोड़ डॉलर) जुटाए जा सकते हैं। कर्ज देने वालों का कहना है कि स्थानीय प्रॉपर्टी मार्केट कमजोर होने की वजह से नीलामी में देरी हो रही है।
कॉरपोरेट गवर्नेंस पर फोकस
अथॉरिटीज का कहना है कि इस नीलामी को लेकर पूर्वी प्रांत में काफी रुचि दिख रही है जहां मान-अल-सनेआ का बिजनेस है। इससे कॉरपोरेट गवर्नेंस को सुधारने पर उनका फोकस और शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के इकोनॉमिक रिफॉर्म को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इनपुट: DBC