कुवैत के गृह मंत्रालय ने बुधवार को निवास और आव्रजन नीति के विभिन्न कारणो से 13 हजार विदोशियों को निष्कासित करने की घोषणा की।
 
विदेशी समाचार एजेंसी ने अलकब्स पत्रिका के हवाले से कहा कुवैत के गृह मंत्रालय ने आधिकारिक आकड़ों की घोषणा करते हुए सूचना दी पिछले पांच महीनो में कानूनी निवास या इसी तरह की समस्याओं का पालन न करने के कारण कुवैत से 13 हजार विदेशियों को निष्कासित किया गया है।
 
कुवैत के गृह मंत्रालय ने इन लोगो पर निवासी कानून का उल्लंघन और देश में अवैध रूप से रहने अथवा विभिन्न प्रकार के अपराधों का आरोप लगाया है, लेकिन कुवैती सरकार ने इन कारणो के साथ फारस की खाडी के देश में विदेशी नागरिकों के उपचार की लागत में वृद्धि के कारण विदेशी नागरिकों की संख्या कम करने की योजना बनाई है।
 
कुवैत के श्रम मंत्रालय ने एलान किया है कि जारी साल 2018 में कुवैत में रहने और रोजगार के लिए 2,53,000 वीजा में से 2,43,000 वीजा जारी किए गए है इतने वीजा भी केवल कारोबार की आवश्यक जरूरतो के लिए विदेशी श्रमिको को आकर्षित किया है।
 
कुवैत की चार मिलियन दो लाख वाली जनसंख्या में दो तिहाई विदेशी नागरिको की संख्या है कुवैत में काम कर रहे कर्मचारीयो में शीर्ष स्थान पर भारत और मिस्र प्रत्येक के 9-9 लाख नागरिक कुवैत में है।
 
कुवैत के श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्रालय विदेशी नागरिकों के लिए सीमित निवास परमिट जारी करने की योजना बना रहा है, जिसे घटा कर देश की जनसंख्या का एक तिहाई करके केवल तकनीकी विशेषज्ञो की सेवाए लेना चाहता है।
 
जीवन यापन की लागत, मुद्रास्फीति, पेट्रोल, पानी, बिजली की कीमत में वृद्धि और निकट भविष्य में VAT कानून का लागू होना भी कुवैत से विदेशियों के निष्कासन का कारण बन रहा है।
 
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि नए अधिनियम और वैट अधिनियम के अनुसार, उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत में 6 प्रतिशत और मुद्रास्फीति में 3 प्रतिशत की वृद्धि होगी विदेशी नागरिको की सीमित आय के कारण उनपर अधिक बोझ बढ़ जाएगा।
 
कुवैत के जल और विधुत विभाग ने आवासीय मकानो में रहने वाले विदेशीयो के लिए पानी और बिजली के बिल में प्रति माह 65 डालर की वृद्धि की सूचना दी है।

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