Well-informed health sources said the health ministry said expats will be banned from treatment in public hospitals within less than three years. The ministry also rejected parliamentary demands and proposals to cancel a decision to exempt some expats from increased health fees and only apply the exemption to domestic helpers, children of Kuwaiti women and GCC nationals.
अभी अभी विश्वसनीय सूत्रों से यह खबर मिली है कि कुएं के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सारे सार्वजनिक अस्पतालों में 3 साल से भी कम समय के अंदर कामगारों के ऊपर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा वह सार्वजनिक अस्पतालों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, मंत्रालय ने संसदीय मांगो और प्रस्तावों को खारिज कर दिया जिसमें स्वास्थ सुविधाओं के ऊपर में कई तरह के छूट देने की भी बात कही जा रही थी जिसमें मुख्य ता घरेलू सहायक आत्मा घरेलू कामगार, कामकाजी महिला, और जीसीसी के नागरिक शामिल थे.
The sources said lawmakers had complained that too many expats have been exempted, such as health ministry staff and others, and that these groups still pose a burden on public hospitals and prevent citizens from getting proper medical services on time.
सूत्रों ने कहा कि ऐसा फैसला किस लिए लिया गया है क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय के कर्मचारियों और स्वास्थ सुविधाओं पर यह अतिरिक्त बोझ बेवजह बन रहे थे जिसके वजह से नागरिकों को उचित समय पर चिकित्सा सेवाएं प्राप्त कराने में दिक्कत आती थी. और बेवजह सरकारी धन का इस्तेमाल हो रहा था.
The sources said the health ministry argued that treating expats in public hospitals will be phased out shortly, but stressed that it was premature to start such measures now, because health insurance hospitals haven’t begun operations and private hospitals are not currently equipped to deal with all expats.
सूत्रों ने यह भी बताया स्वास्थ्य मंत्रालय जल्दी सार्वजनिक अस्पतालों में भुगतान करके इलाज लेने वाली सुविधाएं को जल्द ही समाप्त कर दिया जाएगा, और अब तक ऐसा इसलिए नहीं किया जा सका था क्योंकि स्वास्थ्य बीमा का परिचालन और निजी अस्पतालों का ताल में अभी तक सुसज्जित ढंग से नहीं बैठ सका था