अरब देशों में काम करने वाले लोगों की मदद के लिए भारत सरकार एक और केंद्र बनाएगी. 24 घंटे चलने वाली एक हेल्पलाइन और सलाहकारों की टीम खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीयों की मदद करेगी.

 
अकसर अरब देशों में भारतीय मजदूरों के फंसने या बुरे हालात में काम करने की खबरें आती हैं. कई बार नौकरी का झांसा देकर लोगों को तस्करी के जरिए वहां ले जाया जाता है तो कई बार वादे के मुताबिक मेहनताना नहीं मिलता. हाल के सालों में भारतीय कामगारों को वेतन ना मिलने के मामले भी सामने आये हैं जिनके चलते उन्हें फाकाकशी पर मजबूर होना पड़ा है. ऐसे लोगों की मदद के लिए भारत सरकार को भी हस्तक्षेप करना पड़ा है.
 
 
इसीलिए अब संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह में इंडियन वर्कर्स रिसोर्स सेंटर बनाया जा रहा है, जिसका मकसद खाड़ी देशों में काम करने वाले हजारों लोगों को शोषण के खतरे से बचाना है.
 
 
अबु धाबी में भारतीय दूतावास के एक अधिकारी दिनेश कुमार कहते हैं, “बहुत सारे फर्जी नौकरी के गिरोह हैं जो लोगों को बिना उचित दस्तावेजों और यहां तक कि नौकरी के बिना भी यहां ले आते हैं. उनका वेतन भी बहुत कम होता है.” दिनेश कुमार के मुताबिक ऐसे लोग सिर्फ एक फोन करके मदद मांग सकते हैं.
 
 
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि छह खाड़ी देशों यानी बहरीन, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में लगभग 60 लाख भारतीय कामगार काम करते हैं. हाल के सालों में, भारत सरकार और गैर सरकारी संगठनों को खाड़ी देशों से बहुत से कामगारों की शिकायतें मिली हैं. इनमें वेतन ना मिलने से लेकर उत्पीड़न और शोषण तक की शिकायतें हैं.

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