जेद्दाह – कानूनी और अभियोजन विशेषज्ञों ने कहा कि, देशी एजेंसियों के साथ मिलकर अपने देश के खिलाफ जासूसी करना एक बड़ा अपराध है क्योंकि यह देश की सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करता है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों  को एक निवारक के रूप में मौत की सज़ा देना ही एक विकल्प है.
 
 
सऊदी गेजेट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि किसी मुस्लिम को अपने देश के बारे में गुप्त खुफिया एजेंसियों या संदिग्ध संगठनों को गुप्त जानकारी प्रदान करने की अनुमति नहीं है. यह इस्लामी विश्वास और राष्ट्र के ठोस सिद्धांतों के खिलाफ चला जाता है. यह ना केवल देश की सुरक्षा को खतरे में डाल देगा बल्कि इसकी एकता को भी खत्म कर देता है.
 
 
उन्होंने इस टिप्पणी को उन लोगों के समूह द्वारा राजद्रोह के कार्य की निंदा करते हुए कथित तौर पर संदिग्ध विदेशी एजेंसियों के साथ संपर्क स्थापित किया और सरकारी वेबसाइटों से राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित गुप्त और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया. आपको बता दें कि हाल की मैं सऊदी की सुरक्षा के खिलाफ साज़िश करने और खुफिया एजेंसियों से संपर्क करने के लिए सऊदी में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद यह बड़ा बयान सामने आया है.
 
 

अरब नाम को मिली जानकारी के मुताबिक, रबीग कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश शेख अब्दुल्लाह अल-सईदी और एक कानूनी सलाहकार ने कहा कि सार्वजनिक अभियोजक ने जांच परिणामों के आधार पर कथित जासूसों के खिलाफ आरोप लगाए हैं.
 
 
उन्होंने कहा कि, “जासूसी करने वालों पर राजद्रोह और षड्यंत्र का आरोप है,” उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराधों के लिए सजा में मौत की सजा शामिल है. उन्होंने ओकाज़ / सऊदी राजपत्र को बताया कि, “दंड अभियोजन पक्ष द्वारा जांच और आरोप के आधार पर निर्धारित किया जाएगा.”
 
 
कानूनी सलाहकार माजिद गारब ने जोर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता, सऊदी में मुस्लिमों के सबसे पवित्र स्थानों की सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता हैं. किसी भी शख्स को शरियत और सऊदी के नियमों के खिलाफ जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
 

गारब ने ओकाज़ / सऊदी राजपत्र को बताया कि, “विदेशी खुफिया एजेंसियों के साथ संदिग्ध संपर्कों को राष्ट्र के खिलाफ जासूसी के अपराध में शामिल माना जाता है.” उन्होंने कहा कि दुश्मन के लिए राजद्रोह और जासूसी अपराधों की मदद से दुनिया में भ्रष्टाचार फैलाया जाता है. ऐसे अपराधों के लिए सज़ा-ए-मौत ही मिलनी चाहए.
 
 
सार्वजनिक अभियोजन पक्ष के पूर्व सदस्य सलेह मिस्फर अल-गम्दी और न्याय मंत्रालय के एक अधिकृत वकील ने कहा कि एक विशेष आपराधिक अदालत सऊदी के खिलाफ जासूसी करने वाले संदिग्ध अपराधियों पर अपना फैसला जारी करेगी.
 
 
“शासन के मूल कानून के अनुच्छेद 12 में राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने और संघर्ष और विभाजन से इसकी रक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है.” कानूनी सलाहकार सईद अल-मल्कि ने जासूसी रैकेट के व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की सराहना की और कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए अच्छी तरह से की जानी चाहए.

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