पिछले कुछ समय से यूएई यानी संयुक्त अरब अमीरात में बसे कई भारतीयों को गोल्डेन कार्ड वीज़ा मिलने की ख़बरें आ रही हैं। जैसे अभी ख़बर चल रही है कि शारजाह में भारतीय कारोबारी लालू सैमुएल को ये वीज़ा जारी किया गया. वो किंग्सटन होल्डिंग्स नाम की कंपनी के मालिक हैं जिसकी गिनती मध्य पूर्व की सबसे बड़ी मैन्युफ़ैक्चरिंग कंपनियों में होती है। वैसे ही दुबई स्थित व्यवसायी पी ए इब्राहीम हाजी को भी गोल्डेन कार्ड दिया गया जो कि मालाबार ग्रुप नामक गहने बनाने वाली कंपनी के को-चेयरमैन हैं।
मगर मई से लेकर अब तक लगातार यूएई के अलग अलग हिस्सों में बसे कई भारतीय कारोबारियों को गोल्डेन वीज़ा मिल चुके हैं। जैसे दुबई स्थित ज्वेल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक शेखर पटनी, रीगल ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ के वासु श्रॉफ़, ख़ुशी ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ के ख़ुशी खाटवानी, डैन्यूब ग्रुप के रिज़वान सजन, अबू धाबी के व्यवसायी एम एस यूसुफ़ अली जैसे भारतीय कारोबारियों को गोल्डन वीज़ा मिलने की ख़बरें मीडिया में आईं।
गोल्डेन वीज़ा है क्या? गोल्डेन वीज़ा 10 साल का एक दीर्घ अवधि का वीज़ा है जिसका एलान इस साल किया गया। यूएई के उपराष्ट्रपति और दुबई के शासक शेख़ मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने 21 मई को गोल्डेन कार्ड योजना का एलान करते हुए लिखा था, हमने निवेशकों, योग्य डॉक्टरों, इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और कलाकारों को पर्मानेंट रेसिडेंसी देने के लिए गोल्डेन कार्ड स्कीम लॉन्च किया है। बताया गया कि इसका मक़सद यूएई में पूँजी या निवेश करने वालों, अंतरराष्ट्रीय महत्व की बड़ी कंपनियों के मालिकों, महत्वपूर्ण क्षेत्रों के पेशेवर लोगों, विज्ञान के क्षेत्र में काम करनेवाले शोधकर्ताओं और प्रतिभाशाली छात्रों को यूएई के विकास में भागीदार बनाने के लिए आकर्षित करना है।
गोल्डेन वीज़ा से फ़ायदे गोल्डन कार्ड वीज़ा धारकों को कई सुविधाएँ मिलेंगी जिनमें सबसे अहम ये है कि वे बिना किसी अन्य व्यक्ति या कंपनी की सहायता के यूएई में अपने पति या पत्नी और बच्चों के साथ रह सकेंगे। इससे पहले इसके लिए किसी स्पॉन्सर की ज़रूरत होती थी। साथ ही ये वीज़ाधारक तीन कर्मचारियों को स्पॉन्सर कर सकेंगे. साथ ही वे अपनी कंपनी में किसी वरिष्ठ कर्मचारी के लिए रेसिडेंसी वीज़ा भी हासिल कर सकेंगे। आवेदन के पहले दौर में 70 से ज़्यादा देशों के 6,800 लोगों को लाभ होगा। यूएई के अधिकारियों ने पिछले महीने के अंत में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बताया था कि इन लगभग सात हज़ार आवेदनों में से कम-से-कम 400 लोगों को गोल्डेन वीज़ा दिया भी जा चुका है।