सऊदी में इन दिनों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए बेहद ही बुरा दौर चल रहा है. उनकी आवाज को दबाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. अब बात उनकी हत्या तक पहुंच गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सऊदी सरकार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से काफी नाराज हैं. उनके प्रति सरकार के मन में काफी गुस्सा भी है. जिसे देखते हुए अब यह चर्चा है कि सऊदी सरकार गिरफ्तार 5 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का एक साथ सर कलम करवा सकती है.
फ़्रांसीसी समाचार एजेन्सी एएफ़पी के अनुसार इन क़ैद मुलज़िमों में असरा अलग़मग़ाम नामक महिला भी शामिल हैं जिन पर सऊदी अरब के पूर्वी प्रांतों में प्रदर्शन को भड़काने का आरोप है और वह संभावित रूप से सज़ाए मौत पाने वाली पहली महिला सामाजिक कार्यकर्ता होंगी. इस हवाले से मानवाधिकार के अंतर्राष्ट्रीय संगठन एमेनेस्टी इन्टरनेश्नल की मध्यपूर्व मामलों की सचिव समाह हदीद का कहना था कि हम सऊदी अरब के अधिकारियों पर बल दे रहे हैं कि वह इस इरादे को छोड़ दे किन्तु इस बारे में जब सऊदी अरब के सरकारी अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने त्वरित किसी भी प्रकार का जवाब देने से इन्कार कर दिया.
ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार असरा अलग़मग़ाम का संबंध शीया समुदाय से है और वह एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो 2011 में सऊदी अरब के पूर्वी प्रांतों में व्यापक स्तर पर होने वाले प्रदर्शनों के हवाले से दस्जावेज़ तैयार कर रही थीं, उन्हें दिसम्बर 2015 में उनके पति के साथ उनके घर से गिरफ़्तार किया गया था.
इस संबंध में समाह हदीद ने यह बताया कि असरा अलग़मग़ाम की हत्या के बाद से दूसरे सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक डरावना संदेश जाएगा, इससे दूसरे कार्यकर्ताओं को लगेगा कि उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन और मानवाधिकार की गतिविधियों के लिए इसी प्रकार निशाना बनाया जा सकता है. उन्होंने असरा अलग़मग़ाम के विरुद्ध लगाए गये आरोप को हास्यापद और स्पष्ट रूप से राजनीति से प्रेरित से बताया है.