सऊदी/कनाडा: “हम बहुत चिंतित हैं कि रैफ़ बादावी की बहन समर बादावी को सऊदी अरब में कैद कर लिया गया है. इस कठिन समय में कनाडा बादावी परिवार के साथ है और हम रैफ़ और समर बादावी की आज़ादी की मांग करते हैं.” कनाडा की विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने दो अगस्त को ये ट्वीट किया था जिसके बाद से दोनों देशों के बीच में हवाई सेवाएं बाधित हो गई हैं और एक राजनीतिक संकट पैदा हो गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आख़िर समर बादावी कौन है जिनके लिए दो देशों के बीच तनाव पैदा हो गया.
कौन हैं समर बादावी
33 वर्षीय समर बादावी एक अमरीकी समाजसेवी हैं जो कि महिला अधिकारों के लिए काम करती हैं.
समर को साल 2012 में इंटरनेशनल विमेन ऑफ करेज़ अवॉर्ड दिया गया था.
समर बादावी वो महिला हैं जो सऊदी अरब में महिलाओं पर पुरुषों की गार्डियनशिप का विरोध कर रही हैं.
समर के भाई रैफ़ बादावी को भी सऊदी अरब में इस्लाम की आलोचना करने के मामले में जेल भेज दिया गया था. इसके साथ ही उनके भाई को इंटरनेट पर इस्लाम की आलोचना करने के मामले में साल 2014 में एक हज़ार कोड़ों के साथ दस साल की सज़ा सुनाई गई थी.
कनाडा के विदेश नीति विभाग ने समर की रिहाई को लेकर ट्वीट करके लिखा है, “कनाडा सिविल सोसाइटी और महिला अधिकारों की बात करने वाली समाजसेवी समर बादावी की गिरफ़्तारी को लेकर चिंतित हैं. हम सऊदी अधिकारियों से समर और दूसरे समाजसेवियों को रिहा करने का निवेदन करते हैं.”
सऊदी अरब की क्या है प्रतिक्रिया?
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के ट्वीट पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, “ये सऊदी राज्य का अपमान है और इसके लिए कड़ी प्रतिक्रिया की ज़रूरत है जिससे भविष्य में कोई सऊदी संप्रुभता में हस्तक्षेप करने की हिमाकत न कर सके.”
इसके तुरंत बाद सऊदी सरकार की ओर से प्रतिक्रिया आई और कनाडा के राजदूत को रियाद छोड़ने के लिए 24 घंटों का समय दिया गया.
इसके साथ ही सऊदी सरकार ने ओटावा से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है और सभी व्यापार और निवेश से जुड़े समझौतों को रोक दिया है.
सऊदी सरकार ने कनाडा में रह रहे 15 हज़ार सऊदी यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप रोक दी है. इसके साथ ही सात हज़ार परिवारों को दूसरे देशों में जाकर बसने का आदेश जारी कर दिया है.
हालांकि, दोनों देशों के बीच व्यापार सिर्फ तीन हज़ार अमरीकी डॉलर्स का है.
लेकिन सऊदी अरब और कनाडा के बीच सैन्य ट्रकों को लेकर कॉन्ट्रेक्ट चल रहा है जिसके तहत 15,000 मिलियन अमरीकी डॉलर में कनाडा को सऊदी अरब को आर्मर्ड ट्रक बेचने थे.
लेकिन कनाडा में नई सरकार बनने के बाद जस्टिन ट्रूडो ने उन आलोचनाओं के ख़िलाफ़ कदम उठाया है जो एक तानाशाही सरकार को आर्मर्ड गाड़ियां देने से जुड़ी थीं.
कनाडा के इतिहास में ये एक सबसे बड़ा उत्पादन से जुड़ा सौदा था जिसकी वजह से तीन हज़ार नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं. लेकिन दोनों देशों के बीच रिश्तों के चलते इस समझौते का भविष्य साफ नहीं है.
साभार: bbc.com/hindi