दुबई: सयुक्त अरब अमीरात की एक अदालत ने कहा कि दुबई में बस दुर्घटना में ऊंचाई का अवरोधक सुरक्षा के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन था। बता दें कि इस बस दुर्घटना में 12 भारतीय समेत 17 लोगों की मौत हो गई थी। यह बस दुर्घटना इसी साल 7 जून को हुई थी। ये घटना उस समय हुई जब बस ओमान से आ रही है। लेकिन तभी बीच में सड़क पर लगे अवरोधक की वजह से बस दुर्घटना का शिकार हो गई। स्पीड में जा रही बस अवरोधक से टकरा गई।
17 लोगों की जान गई हादसा इसना भयावह था कि इसमें 17 लोगों की मौत हो गई। इसमें 12 भारतीय, दो पाकिस्तानी, एक ओमानी और फिलिपिनी नागरिक की मौत हो गई। गल्फ न्यूज के अनुसार बस चालक का प्रतिनिधित्व करने वाले दो वकीलों में से एक मोहम्मद अल तमीनी ने दुबई ट्रैफिक कोर्ट को बताया कि चेतावनी साइनबोर्ड और लगे अवरोधक के बीच की दूरी केवल 12 मीटर थी।
छोटी गलती बनी मौत की वजह इसके अलावा वकीलों ने जीसीसी का हवाला देते कोर्ट से कहा कि यदि सड़क पर गाड़ियों की गति सीमा 60 किमी प्रति घंटा है तो साइनबोर्ड और अवरोधक के बीच की दूसरी 12 मीटर नहीं बल्कि 60 मीटर होनी चाहिए। ट्रैफिक प्रॉसिक्यूशन के अनुसार जिस सड़क पर यह हादसा हुआ उस पर गाड़ियों की गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा है। दुबई पुलिस ने 53 साल के ओमानी चाल को घटना के लिए दोषी ठहराते ठहराया है जो कि मामूली रूप से घायल था। इसके लिए पुलिस ने कहा कि कई बार एक छोटी सी गलती या लापरवाही के प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं।
ड्राइवर 94 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से चला रहा था बस बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि बस को रोकने के लिए ड्राइवर के पास समय नहीं था। ऐसे में ड्राइवर की लापरवाही नहीं है। अल बैरिमी ने कहा कि ऊंचाई की बाधा को गलत जगह पर रखने से दुर्घटना हुई। वहीं अल तमीमी ने दावा किया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि दुर्घटना के दौरान बस ड्राइवर 94 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से बस चला रहा था।