दुबई में एक भारतीय परिवार के 3 लोग और उनके 3 दोस्त एक कंपनी के जाल में फंस कर ठगी का शिकार हो गए हैं। इन लोगोंसे जमकर पैसे ऐंठे गए हैं। जबकि उन्हें अब यह जानकारी मिली कि यह कंपनी अब बंद कर दी गई है।
मीडिया से बात करते हुए तमिलनाडु की एक एचआर पेशेवर इशरत फातिमा ने कहा कि जहां वह काम करती है उसी कंसल्टेंसी कंपनी में उसने वहां अपने छोटे भाई, एक चचेरे भाई और अपने तीन दोस्तों को काम पर रखने के लिए 100,000 रुपये देने के लिए राजी किया।
फातिमा ने कहा, ‘मैं नहीं जानती थी यह एक जाल है, मैंने कंपनी के लिए एक महीने काम किया और उन्होंने मुझे मेरा वेतन समय पर नहीं दिया। अब मेरे जानने वाले आक्रोश में हैं और मुझसे रुपये वापस मांग रहे हैं। लेकिन मैं 500,000 रुपये कहां से लाऊं, जब मुझे ही धोखा मिला और मेरे रुपये नहीं मिले।’ महिला ने बताया कि वह अप्रैल 2018 में यात्री वीजा पर दुबई आई और अपने परिवार के एक सदस्य के साथ रहने लगी।
उन्होंने कहा, ‘मैंने ऑनलाइन नौकरी के लिए आवेदन किया और मुझे ग्रेट चैनल एचआर कंसल्टेंसी कंपनी से फोन आया। साक्षात्कार के बाद उन्होंने मुझे 2,500 दिरहम और अतिरिक्त इंसेंटिव के साथ नौकरी देने की बात कही।’ फातिमा के अनुसार, उन्हें कंपनी के साथ कष्टदायी अनुभव तब शुरू हुआ, जब कंपनी ने उनके रोजगार वीजा पर मुहर लगाने से इनकार कर दिया और उन्हें भुगतान भी नहीं किया। उन्होंने खलीज टाइम्स से कहा, ‘मुझे इस वादे के साथ वापस भारत भेज दिया गया कि मुझे जल्दी ही रोजगार वीजा दे दिया जाएगा। एक महीने के बाद, कंपनी ने मुझे मुलाकात के लिए वापस बुलाया।’
उन्होंने कहा, ‘जब मैंने उनसे सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि रोजगार वीजा पर केवल मेरे पासपोर्ट पर ही मुहर लगाई जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने सॉफ्ट कॉपी भेजने से इनकार कर दिया। मेरे पास कोई विकल्प नहीं था क्योंकि मैं पहले ही उन्हें 3,500 दिरहम का भुगतान कर चुकी थी।’ भारतीय दूतावास में फातिमा द्वारा की गई शिकायत के अनुसार, कंपनी के खाते में तमिलनाडु के पांच युवकों ने 100,000 रुपये जमा कराए थे।