पॉलीटेक्निक छात्र रंधीर ने खुदकुशी करने का प्लान तय करने के बाद गूगल सर्च कर मौत के तरीके जाने थे। उसने मरने के आसान तरीके सर्च कर यह जानने की कोशिश की थी कि किसमें दर्द कम होता है। यह खुलासा रंधीर के सुसाइड नोट से हुआ। रंधीर ने लिखा है… मैं मरना तो चाहता हूं। पर दर्द से डरता हूं। अजीब हूं पर ऐसा ही हूं मैं। सुसाइड नोट में उसने सात लाइन की भावुक कविता भी लिखी। ऐसा ही हूं मैं।
सुसाइड नोट में यह लिखा है रंधीर ने
मैं जो यह कर रहा हूं, इसमें सिर्फ मेरी मर्जी है और इसका किसी से लेनादेना नहीं है। मेरे कॉलेज में कुछ ऐसा हुआ जिसके कारण मैं यह करने जा रहा हूं। इसमें मेरे मामा-मामी का कोई दोष नहीं। उन्होंने हमेशा हमें खुश रखा है। उनको इस सबके बारे में कोई पता ही नहीं है कि मैं टेंशन में हूं। मैं अपने पापा से कहना चाहता हूं कि वो मेरे मामाजी काे कुछ नहीं बोले। क्योंकि इसमें उनका कोई दोष नहीं है। मेरी मामी भी बहुत अच्छी है। कभी भी मुझे डांटे नहीं है आजतक। मुझे पता है कि सबलोग मुझे खुदगर्ज समझेंगे कि सिर्फ अपने बारे में सोचा। अपनी फैमिली के बारे में नहीं। अपनी बहन के बारे में भी नहीं। पर कभी-कभी इंसान ऐसी गलती कर जाता है कि जिससे उसका धरती पर रहने का हक खत्म हो जाता है। कुछ लोग हमें कायर कहेंगे पर मैं उन लोगों को यह बताना चाहता हूं कि कुछ चीजों में बहादुरी नहीं दिखाना चाहिए। सॉरी मां, पापा। कुछ अपने भाई को देकर तो नहीं जा रहा हूं। पर उसे इकलौता बनाकर जा रहा हूं। हमें हमेशा लगा कि भाई कोई बात नहीं जो तुम्हें नहीं मिला। वो तुम अपने दम पर नौकरी करना तो लेना पर पता नहीं था। इतनी जल्दी दुनिया छोड़ना पड़ेगा। आप पहली बार एक ऐसे लड़का को देखेंगे जो गुगल सर्च करता है कि मरने का अासान तरीका कौन सा है। जिसमें दर्द कम हो। मरना तो चाहता हूं। पर दर्द से डरता हूं। अजीब हूं पर ऐसा ही हूं मैं।
ऐसा ही हूं मैं
जब लोग दूसरों से लड़ते हैं ता मैं सोचता हूं कैसा हूं
मैं लाेगों की ईमानदारी देखकर अच्छा लगा
जो जिंदा रहने पर कुछ देना नहीं चाहते
वो भी मरने पर मुझे अपनी हिस्सा का जमीन ईमानदारी से देते हैं…
आपको बताते चलें कि लड़के के पिता दुबई के एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत हैं और घटना की जानकारी मिलने के तुरंत बाद वह दुबई से भारत के लिए रवाना हो चुके हैं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लड़की के पिता को जानकारी जब मिली तब वह अपने कंपनी के कार्य में व्यस्त थे, और जानकारी मिलने के तुरंत बाद वह कार्य के साइट पर ही मूर्छित हो गए. बार-बार मूर्छित होने के वजह से उनके साथी जो उसी कंपनी में कार्यरत हैं ने अपने साथ उन्हें घर तक लाने का जिम्मा खुद लिया और लेकर निकल पड़े हैं.
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