दुबई में मिली माउत की सजा, 12 साल बाद लौटा वतन
दुबई/भारत: खानगुरा जिला कपूरथला निवासी संदीप सिंह मई 2006 में रोजी-रोटी कमाने के लिए दुबई गया लेकिन वहां पर वर्ष 2007 में ड्यूटी के दौरान कुछ नौजवानों के बीच हुए झगड़े में एक नौजवान की हत्या के मामले में उसे 6 माह बाद आरोपी ठहराया गया और फांसी की सजा सुना दी गई।
जब अपने बेटे की बेगुनाही के लिए परिजनों ने सरबत का भला चैरीटेबल ट्रस्ट के संस्थापक और दुबई के प्रसिद्ध उद्योगपति डा. एस.पी. सिंह ओबराय से संपर्क किया तो उन्होंने 9 वर्ष लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ कर संदीप सिंह को न सिर्फ इस मामले में बरी कराया बल्कि उसे उसके वतन वापस लौटाया। संदीप सिंह 12 वर्ष बाद मंगलवार को जब गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचा तो भाई को देखकर बहन भावुक हो गई।
संदीप सिंह को हवाई अड्डे से माता-पिता सहित सरबत का भला ट्रस्ट के माझा जोन के प्रधान सुखजिन्द्र सिंह हेर, उप-प्रधान मनप्रीत सिंह संधू लेने पहुंचे। यहां जिक्रयोग्य है डा. ओबराय ब्लड मनी देकर अब तक संदीप सहित 94 नौजवानों की कीमती जानें बचा चुके हैं।
इनपुट:PK
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