दुबई/भारत: नौकरी के लिए बिहार से दुबई गए एक युवक की 9 जुलाई को मौत हो गई थी। मौत के कारण अस्पष्ट थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मौत शराब के अधिक सेवन की वजह से हुई थी। मौत के बाद कंपनी ने परिवार के सदस्यों के इस बारे में सूचित किया। दुबई की एक संस्था ईमान कल्चरल सेंटर के सहयोग से मौत के 21 दिन के बाद सोमवार को युवक का शव भारत आया। इस संस्था के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी मोहम्म्द हिदायुतल्ला खुद ही युवक का शव दुबई से दिल्ली होते हुए पटना ले गए। जहां उसे परिवार के हाथों सुपुर्द कर दिया गया।
 
 
बिहार के बेगुसराय जिले के रहने वाले हरदेव कुमार शर्मा अब से 18 महीने पहले बिहार से नौकरी के लिए दुबई गए थे। टेक्निकल सर्विस मुहैया कराने वाली एक भारतीय कंपनी के वह कर्मचारी थे। यह कंपनी भारतीय थी। कुछ समय पहले से परिवार इस बात की शिकायत कंपनी को करने लगा था कि हरदेव अपने घर पर एक भी पैसा नहीं भेज रहे हैं। कंपनी को पता चला कि हरदेव शराब के आदी हो रहे हैं। इसको लेकर संस्थान ने उन्हें कई बार वार्निंग भी थी।
 

 
9 जुलाई की रात को हरदेव शर्मा का शव एक इमारत की छत पर मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार हरदेव के शरीर में किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं थे। ना ही उनके कपड़े में किसी तरह के छीना छपटी के निशान पाए गए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार हरदेव की मौत हार्ट बीट रुकने की वजह से हुई। इसकी वजह शराब का अत्यधिक सेवन था। रिपोर्ट में एल्कोहल की काफी मात्रा शरीर में पाई गई।
 
पीएम रिपोर्ट इस बात का भी इशारा करती है कि छत पर शराब की बहुत सारी खाली बोतलें मिलीं। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि हरदेव शराब के आदी थे। हरदेव की मौत के बाद उनके परिवार से कंपनी ने संपर्क साधा। इसके बाद हरदेव के पार्थिव शरीर को भारत लाने की कवायद शुरू हुई। यहां पर दुबई स्थित ईमान कल्चरल सेंटर ने पीड़ित परिवार की बहुत मदद की। दुबई सरकार, और भारत सरकार के बीच शव लाने की प्रक्रिया में इस संस्था ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।
 

कंपनी और इस संस्था की मदद से हरदेवा का शव 30 जुलाई को भारत आया। ईमान कल्चरल सोसाइटी के जनसंपर्क अधिकारी मोहम्म्द हिदायुतल्ला खुद शव को अपने साथ लेकर आए। उनके साथ बिहार से दुबई गए हरदेव कुमार शर्मा के साथ काम करने वाले लोग भी थे। मोहम्म्द हिदायुतल्ला ने कहा कि जिस कंपनी में हरदेव शर्मा काम करते थे उनके अधिकारियों ने ईमान कल्चरल सेंटर से संपर्क साधा।
 
ये संस्था बाहर से नौकरी के लिए दुबई आए लोगों के मर जाने पर उनके शव उनके वतन भेजने में परिवारों की मदद करती है। हिदायतुल्ला भारत से हैं। मूल रुप से तमिलनाडु के रहने वाले हिदायतुल्ला लंबे समय से इस संस्था के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि शव भारत में लाने की प्रक्रिया करीब 15 दिन पहले से शुरू हुई थी। जिस कंपनी में हरदेव काम करते थे उसके द्वारा ईमान कल्चरल सेंटर को सूचित करने के बाद हमनें मरने वाले व्यक्ति के पासपोर्ट कैंसिल कराने की प्रक्रिया शुरू की।
 
इसके बाद भारत सरकार से इसको लेकर पत्राचार शुरू हुआ। सभी एप्रूवल मिलने तक हरदेव शव सुरक्षित रखा गया। 29 जुलाई की सारी प्रक्रियाएं पूरी हुईं और हम 30 जुलाई को शव लेकर वाया दिल्ली पटना एयरपोर्ट पहुंचे। वहां पर हरदेव के परिजन एंबुलेंस लेकर मौजूद थे। शव के आने की तारीख उन्हें पहले ही दे दी गई थी।

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