अबू धाबी में छह भारतीय प्रवासियों को कोर्ट में क़ानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ा, क्योंकि सभी भारतीय प्रवासियों पर आरोप लगाया गया है की उन्होंने लोन प्राप्त करने के लिए बैंक के साथ धोखा धड़ी की है.
व्यक्तिगत लोन प्राप्त करने के लिए अबू धाबी में छह प्रवासियों ने नकली सैलरी सर्टिफिकेट बनाया, जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया. सभी प्रवासियों का अबू धाबी कोर्ट में जांच चल रही है.
सभी भारतीय आदमी, जिनमे बैंक ग्राहक से लेकर, बैंक कर्मचारी शामिल हैं, पर आरोप लगाया गया की “सभी प्रवासी नकली सर्टिफिकेट बनकार अबू धाबी कमर्शियल बैंक से Dh700,000 लोन का इस्तेमाल कर रहे थे.”
अबू धाबी कोर्ट के अधिकारीयों ने कहा की “सभी प्रवासियों, जो की भारतीय हैं, पर बैंक ने आरोप लगाया की “यह सभी प्रवासी नकली डोक्युमेन्ट्स को दिखाकर लोन लेने का प्रयास कर रहे थे, जिसके बाद सभी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गयी.”
अभियोजन पक्ष ने कहा की “सभी प्रवासी प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और सभी के बैंक में अकाउंट है, कमर्शियल बैंक में, उन्होंने नकली सर्टिफिकेट दिखाते हुए यह दावा किया की वह बड़ी कंपनी में काम करते हैं और उनकी सैलरी भी इतनी अधिक है की वह बैंक से लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.”
पुरुषों ने दावा किया की उन्हें वह सर्टिफिकेट उस कंपनी से मिला, जहां वह काम करते हैं.
जांचकर्ताओं ने यह भी कहा की “सभी पुरुषों को एक बैंक के ही कर्मचारी ने सभी भारतीय पुरुषों को Dh700,000 देने में मदद कर रहा था और सभी भारतीय पुरुषों ने बैंक कर्मचारी के पास ही वह सारे नकली सर्टिफिकेट दिए थे.”
हालाँकि पुलिस की पूछताछ के दौरान “सभी भारतीय प्रवासियों ने कुबूल किया की “उन्होंने बैंक से लोन लेने के लिए नकली सर्टिफिकेट बैंक में जमा किये, क्योंकि वह लोन सिक्योर करना चाहते थे,सभी पुरुषों ने यह कुबूल किया की वह कम वेतन कमाते हैं.”
छह प्रवासियों में से पांच प्रव्सियों पर बैंक के साथ धोखा धड़ी करने का आरोप लगाया गया, ज़ब्की एक पर सभी प्रवासियों की मदद करने का आरोप लगाया गया, हालाँकि पांचो प्रवासियों ने बैंक के कर्मचारी पर लगे आरोपों को ख़ारिज किया और कहा की “उसने उनकी इस मामले में कोई भी मदद नहीं की”
अभी इस मुकदमे को मई तक स्थगित कर दिया गया है.

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