भगोड़े जाकिर नाईक को लेकर आज बड़ा फैसला हो सकता है। भारत से भागने के बाद मलेशिया में पिछले तीन साल से रह रहे जाकिर नाईक को वहां से बाहर निकालने की मांग शुरू हो गई है। इस संबंध में बुधवार की कैबिनेट बैठक में मलेशिया में बड़ा फैसला हो सकता है। मलेशिया के मानव संशाधन विकास मंत्री एम. कुलसेगरन ने जाकिर नाईक को भारत के हवाले करने की मांग तेज कर दी है। उम्मीद की जा रही है आज जाकिर के जाकिर पर मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप हैं।

मंगलवार को कुलसेगरन ने एक पत्र जारी किया। इसमें कहा- जाकिर मलेशिया के कर दाताओं के पैसे पर यहां मौज कर रहा है। उस पर गंभीर आरोप हैं। वो मलेशिया में सामुदायिक घृणा फैलाने की साजिश रच रहा है। उसे भारत को सौंप देना चाहिए। वहां वो अपने ऊपर लगे आरोपों का सामना करेगा। मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद पहले नाईक के प्रत्यर्पण से इनकार कर चुके हैं लेकिन अब इस इस्लामी धर्मगुरू का वहां विरोध तेज हो गया है।

(BRIEF CAPTION) DAP adviser Lim Kit Siang giving press conference at DAP headquaters in Rangoon Road,George Town. Pic by: ZHAFARAN NASIB/The Star/ 23 February 2018

भारत से भागने के बाद नाईक तीन साल से मलेशिया में रह रहा है। हाल ही में उसने एक बयान दिया। कहा- मलेशियाई हिंदुओं के पास भारत में रहने वाले मुसलमानों से 100 फीसदी ज्यादा अधिकार हैं। यहां के हिंदू महातिर मोहम्मद से ज्यादा नरेंद्र मोदी को मानते हैं। मलेशिया की जनसंख्या करीब 3 करोड़ 20 लाख है। इसमें 60 फीसदी मुसलमान हैं। इसके बाद सर्वाधिक जनसंख्या हिंदुओं की है। यहां की राजनीति और कारोबार में भी हिंदुओं का काफी प्रभाव है।

कुलसेगरन ने कहा- जाकिर जैसे लोग हमारे विविधता वाली संस्कृति में रहने के हकदार नहीं हैं। उसे मलेशिया की स्थायी नागरिकता कतई नहीं दी जानी चाहिए। नाईक ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया है। उसने कहा कि सियासी वजहों से इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ, मलेशियाई न्यूज एजेंसी ने पीएम महातिर मोहम्मद का बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि नाईक को भारत के हवाले नहीं किया जा सकता क्योंकि वहां उसकी जान को खतरा हो सकता है। अगर कोई दूसरा देश उसको शरण देना चाहता है तो हम तैयार हैं।

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