- भागलपुर: पत्नी के सामने ही की थी पति की ह’त्या मामले में बड़ा फैसला
- ह’त्या में शामिल 5 लोगों को उम्र’कै’द की सजा
- मंगलवार को एडीजे-6 रोहित शंकर ने पांच दोषियों को सुनाई उ’म्रकै’द की सजा
- नाथनगर के लालूचक में 11 नवंबर 2007 को पत्नी के सामने ही किसान रतन मंडल की कर दी गई थी ह…
- सजा पाने वालों में पिता प्रयाग मंडल, पुत्र प्रेम लाल मंडल, महेश मंडल, मंटू मंडल और एक अन्य नरेश मंडल उर्फ मुलही मंडल है शामिल
- सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष से परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था मौजूद
- जबकि दोषियों की पत्नी, बेटी, बहन कोर्ट में थे मौजूद
- बचाव पक्ष के वकील कौशलेंद्र नाथ सहाय इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में करेंगे अपील
- अब तक केस के आईओ विद्यासागर शर्मा और पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. अमरेंद्र कुमार की नहीं हो सकी गवाही
- घटना से पहले प्रयाग मंडल ने भी शीला देवी पर मारपीट का दर्ज कराया था मुकदमा
रतन का रेत डाला गया था गर्दन
11 नवंबर 2007 की रात किसान रतन मंडल अपनी पत्नी शीला देवी के साथ घर में सोए हुए थे। रात दो बजे प्रयाग मंडल व अन्य दोषी घर में घुसे और शीला देवी को उठाया। प्रेमलाल मंडल ने रतन के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और प्रयाग मंडल ने रतन का पैर पकड़ लिया। मंटू मंडल रतन की छाती पर बैठ गया। इसके बाद हंसुआ से गर्दन रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद सभी शीला को जबरन पकड़ कर पास के गोभी के खेत में लेकर गए। जहां उसकी जमकर पिटाई की। पिटाई के कारण वह बेहोश हो गई।
सुबह चार बजे जब ससुर धनी मंडल आए तो शीला बेहोशी की हालत में मिली। उसे मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया। 14 नवंबर 2007 को होश में आने पर शीला ने पुलिस को बयान दिया। इसमें बताया कि प्रयाग और उनके पति के बीच रास्ता को लेकर विवाद चल रहा था। इसे लेकर फौजदारी मुकदमा भी कोर्ट में चल रहा था। बार-बार आरोपित पक्ष की ओर से जान मारने की धमकी भी दी जा रही थी।