अगर आप खाड़ी देश या किसी भी बाहर के देश में है और आप अगर अपने देश भारत पैसे भेजना चाह रहे हैं तो यह समय सबसे उपयुक्त है पैसे भेजने के लिए क्योंकि इस वक्त भेजे हुए पैसे आपको सबसे ज्यादा कन्वर्जन रेश्यो पर भारतीय मुद्रा के रूप में मिलेंगे. अर्थात कहने का मतलब यह है कि जिस DH या रियाल के बदले आपको भारत में jitne रुपए रेमिटेंस में मिलते हैं अब उससे कहीं ज्यादा रुपए आपको remitance के दौरान मिलेंगे.
एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया मंगलवार को 72 साल में पहली बार 70 के पार चला गया। कारोबार के दौरान 70.10 का रिकॉर्ड निचला स्तर छुआ। अंत में यह चार पैसे की मजबूती के साथ बंद हुआ। कारोबार की समाप्ति पर एक डॉलर की कीमत 69.89 रही। यह 1947 से लेकर अब तक इसकी सबसे कम कीमत है। तुर्की की मुद्रा लीरा में गिरावट का असर मंगलवार को दुनिया की अन्य मुद्राओं पर भी दिखा। भारतीय रुपया भी इससे अछूता नहीं रहा।
सरकार ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए के अब तक के निचले स्तर पर पहुंचने के लिए ‘बाहरी कारकों’ को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। यह गिरावट अन्य मुद्राओं में आई गिरावट के अनुरूप है। लेकिन अभी भी इसका प्रदर्शन अन्य मुद्राओं से बेहतर है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, ‘तुर्की संकट को लेकर अनिश्चितता और डॉलर इंडेक्स में तेजी को देखते हुए आयातक आक्रमक तरीके से डॉलर खरीद रहे हैं।
रिजर्व बैंक के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है। संभव है मुद्रा बाजार में उसके हस्तक्षेप से खास मदद न मिली हो क्योंकि रुपए के कमजोर वैश्विक कारणों से दिख रही है। आने वाले समय में बाहरी वजहों में सुधार आने की संभावना है।’
ऊपर दी गयी फ़ोटो में जानकारी केवल आज (15-august-2018) के लिए वैध हैं.