संयुक्त अरब अमिरात के विदेश मंत्री ने पूरे साफ़ तौर पर अपने सभी नागरिकों को जम्मू और कश्मीर के यात्रा तात्कालिक न जाने की सलाह दी हैं, और जो लोग भी हैं वहा उन्हें हर हाल में वहा के लोकल क़ानून को मानने और भारत सरकार के अनुरूप रहने और सहयोग करने का आदेश और आग्रह दोनो किया हैं.

UAE HINDI
@UAEHINDI

अब आइए जो सबसे मज़े की बात हैं वो आपके साथ साझा करते हैं. पाकिस्तान ने अपने अख़बारों में भारत के इस हिस्से में भारी अफ़रातफ़री के माहौल के ख़बरें छापे थे, पर UAE और मिडल ईस्ट के सबसे बड़े अख़बार समूह खलीज टाइम ने जो रिपोर्ट जारी की हैं उससे पूरे अखबारी दुनिया को मिर्ची लग गयी हैं.
 
जम्मू और कश्मीर में एक असहज शांति और सामान्य स्थिति प्रतीत हो रही है, और अनुच्छेद 370 के उन्मूलन के बाद, लोगों की अपनी दिनचर्या के बारे में जाने के साथ क्षेत्र में आंदोलन की कोई खबर नहीं है।
 
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर में थे।
कुछ इलाक़ों में भारी फ़ोर्स की तैनाती की गयी और लगा की उन क्षेत्रों में उन्माद हो सकता हैं पर हर तरीक़े से सूत्रों ने बताया की कही पर भी कोई बेमतलबी हरकत नही हुई हैं.

एक रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय नेता माहौल को बिगड़ने की कोशिश कर सकते हैं पर इन सब चीज़ों पर भारतीय केंद्र सरकार निपटने के लिए पूरी तैयारी के साथ मौजूद हैं.
एनएसए जमीन पर शांति भंग करने के लिए बाहरी और आंतरिक दोनों प्रयासों से निपटने के लिए घाटी में तैनात सुरक्षा बलों के साथ लगातार समन्वय कर रहा है।
आंतरिक गड़बड़ी का ख़याल करने के लिए पैरामिलिट्री की तैनाती की गई है।
 
Analysis: इस बाबत अरब देशों ने ज़रूर सहमति बनाई हैं की बिना किसी बाहरी दबाव के या दबाव के ख़याल को भी दिमाग़ में ना रखते हुए भी कश्मीर पर फ़ैसला और इस प्रकार का इंटेजमात क़ाबिले तारीफ़ हैं.
 

खलीज टाइम में छपी भारत हेतु रिपोर्ट अंग्रेज़ी में कुछ इस प्रकार हैं.

 
There is an uneasy peace and seeming normalcy in Jammu and Kashmir, and there are no reports of agitation in the area with people going about their daily routine, after the abrogation of Article 370.
India’s National Security Advisor Ajit Doval was in Srinagar to review the security situation.
There was apprehension in some quarters that the huge influx of security forces might mean a crackdown in some areas, but there seems to have been no such move.
There is also a sentiment that local politicians might have had vested interests and took people for a ride with regard to Article 370.
The NSA is coordinating constantly with the security forces deployed in the Valley for tackling both external and internal attempts to disturb the peace on the ground.
Paramilitary deployments have been put into place to cater for internal disturbances.
 
इस रिपोर्ट को सीधा यहा भी पढ़ जा सकता हैं: https://www.khaleejtimes.com/uae/uae-reacts-to-kashmir-situation-

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