सऊदी अरब को तेल के उत्पादक वाला देश माना जाता है. पूरी दुनिया में सऊदी अरब तेल के मामले सबसे आगे है. लेकिन अब एक देश ऐसा भी जो तेल उत्पतक के क्षेत्र में आगे आने के नयी तकनीकें खोज रहा है. यह देश खुद को तेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है.
अल अरेबिया के मुताबिक, एक इराकी तेल अधिकारी ने रविवार को कहा कि खाड़ी पर फाओ बंदरगाह पर एक तेल रिफाइनरी बनाने के लिए इराक ने दो चीनी कंपनियों, पावर चाइना और नोरिनको इंटरनेशनल के साथ एक सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं. श्रम संसाधन को लेकर कम्पनी ने कहा की भारतियों को जो की अरब देश में इस क्षेत्र में काम कर चुके हैं जैसे लोगों को और बढ़िया सैलरी देकर उत्पादन शुरू करेगा.
फाओ में रिफाइनरी में प्रति दिन 300,000 बैरल उत्पादन करने की क्षमता होगी और इसमें पेट्रोकेमिकल प्लांट शामिल होगा, उन्होंने रॉयटर्स से कहा कि शनिवार को इराक ने चीन के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.
बसरा के दक्षिण में फाओ रिफाइनरी कई इराक योजनाओं में से एक है क्योंकि यह इराक द्वारा तेल उत्पादों में आत्मनिर्भर बनने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है.
अल अरेबिया के मुताबिक, सऊदी अरब के बाद इराक ओपेक का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है. IS ने 2014 में बगदाद के उत्तर में बाईजी में अपना सबसे बड़ा तेल प्रसंस्करण प्लांट खत्म कर दिया था जब इसकी शुद्धिकरण क्षमता को रोक दिया गया था.
इराकी सेना ने 2015 में बाजी को फिर से हासिल की लेकिन इराक को लड़ाई में भारी नुकसान हुआ था. देश अब बगदाद में डौरा रिफाइनरी और बसरा क्षेत्र में तेल के शुआइबा प्लांट पर निर्भर है.