मक्का में दोबारा उमरा करना अब महंगा होगा। सऊदी सरकार ने दूसरी बार उमरा के लिए 2000 रियाल (36 हजार भारतीय मुद्रा) अतिरिक्त फीस देने का कानून बना दिया है। रमजान के महीने में हजारों लोग हर वर्ष उमरा करने मक्का-मदीना जाते हैं।
जो पैसे वाले हैं, उन पर इस कानून का ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन कम आय वालों की दोबारा उमरा की ख्वाहिश पर जरूर इस अतिरिक्त शुल्क का बोझ पहाड़ से कम नहीं। सऊदी सरकार के इस नए नियम का विरोध भी शुरू हो गया है। केंद्रीय हज कमेटी के सदस्य मोहम्मद इफ्तिखार उद्दीन का कहना है कि सऊदी सरकार ने नए लोगों को उमरा करने का मौका देने के लिए नए नियम बनाए हैं।
फैसले पर फिर विचार करे सऊदी सरकार-
शहरकाजी मौलाना हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी का कहना है कि अल्लाह उमरा करने वालों के गुनाह माफ करता है। हर किसी की ख्वाहिश होती है कि बार- बार अल्लाह के घर जाकर अपने गुनाहों से तौबा करे। कोई सरकार इबादत के लिए कैसे कानून बना सकती है। सऊदी सरकार को फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए।
रमजान में महंगा होता उमरा-
सऊदी सरकार मोहर्रम से रमजान तक उमरा पर मक्का-मदीना में इबादत के लिए उमरा वीजा देती है जो मात्र 15 दिनों का होता है। रमजान में आजमीनों की संख्या अधिक होने के कारण हर चीज के दाम बढ़ जाते हैं।
-उमरा पैकेज आम दिनों में 60 हजार रुपये प्रति आजमीन तो रमजान में 95 हजार रुपये
-आम दिनों में रिहाइश 200 रियाल यानी 3600 रुपये प्रतिदिन तो रमजान में 400 रियाल यानी 7200 रुपये
-लोकल ट्रांसपोर्ट आम दिनों में 10 रियाल यानी 1800 रुपये तो रमजान में 4500 रुपये