सऊदी अरब के दम्माम में फंसे भारतीय मजदूरों व्हाट्सऐप पर वीडियो भेज कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से उन्हें वापस स्वदेश बुलवाने की गुहार लगाई है। इनमें ज्यादातर मजदूर यूपी और बिहार के हैं। व्हाट्सऐप पर भेजे वीडियो में मजदूरों ने कहा है कि उनके साथ अमानवीय बर्ताव किया जा रहा है।
करीब तीन साल से वो वहां फंसे हुए है। उन्हें कंपनी सैलरी नहीं दे रही है, वहीं खाने-पीने का इंतजाम भी ठीक नहीं है। वो कंपनी से लगातार अपनी सैलरी मांग रहे हैं उनके साथ बदतमीजी की जा रही है। मजदूरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्दी वहां से निकालें।
दम्माम में फंसे मजदूरों का कहना है कि पीएसजी नाम की कंपनी मे उनसे काम तो करा लिया है अब पैसे नहीं दे रही है। इसके लिए वो दम्माम की कोर्ट में भी गए फिर भी कोई राहत नहीं मिल रही है। मजदूरों का कहना है कि भारतीय एंबेसी केअधिकारी भी उनकी मदद नहीं कर रहे है वो भी केवल खानापूर्ति में लगे हुए हैं।
तिवारी मणि नाम के एक भारतीय कामगार के मुताबिक उनकी कंपनी का नाम पीएसजी है जो दम्माम में है, कंपनी ने पिछले 43 महीने से उनके साथ कई मजदूरों को फंसा कर रखा है। वो लोग दम्माम स्थित कोर्ट भी गए थे लेकिन उनकी मदद को कोई तैयार नहीं है। मजदूरों के परिजनों ने दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से भी बात की है और मदद पोर्टल पर अपनी समस्या को बताया है। बावजूद इसके ना ही विदेश मंत्रालय और ना ही सऊदी स्थित भारतीय एंबेसी से उनको मदद मिल रही है।
आपको बता दें कि सऊदी के दम्माम, रियाद, जेद्दाह, कतर, ओमान आदि इलाकों में 15 हजार भारतीय फंसे हैं। भारतीय दूतावास के सहयोग से परेशान भारतीयों की मदद करने वाले वॉलेंटियर का दावा है कि इनकी संख्या 30 हजार से भी ज्यादा हो सकती है। अब तक कई शहरों दूर दराज के इलाकों में छोटी-छोटी कंपनियों में 100 से 200 के ग्रुप में भारतीय कामगार फंसे हुए हैं। दूतावास अधिकारियों ने बताया कि रोजाना 40 से 60 की संख्या में नए भारतीय श्रमिक दूतावास तक मदद के लिए पहुंच रहे हैं।