कुवैत की और से लगातार गल्फ कॉपरेशन कौंसिल (GCC) की बैठक के लिए सऊदी अरब और क़तर के बीच उपजे संकट को हल करने की लगातार कोशिश की जा रही है. लेकिन हल होना तो दूर संकट और बढ़ता ही जा रहा है.
कुवैती के उप एफएम खलील अल-जराल्लाह का कहना है कि यदि संकट अनसुलझे छोड़ दिया गया तो संकट ‘जीसीसी की उम्मीदों और सपनों को नष्ट कर देगा. कुवैत के उप विदेश मंत्री ने कहा कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के सदस्य-राज्यों को खाड़ी में चल रहे संकट को हल करने के लिए दृढ़ संकल्प किया गया था क्योंकि ऐसा नहीं करना क्षेत्र के लिए विनाशकारी होगा.
इसी बीच सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदिल अलजुबैर का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि यदि अमरीका क़तर का समर्थन करना बंद कर दे तो इस देश की सरकार एक हफ़्ते में गिर जाएगी.
जुबैर ने कहा कि सीरिया में अमरीका की सैनिक उपस्थिति का ख़र्च क़तर को उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि क़तर को चाहिए कि वह सीरिया से अमरीका के सैनिकों के बाहर निकलने से पहले ही अपने सैनिक वहां भेज दे.
बता दें कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (संयुक्त अरब अमीरात), बहरीन और मिस्र ने “आतंकवाद” का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए 5 जून, 2017 को कतर के साथ राजनयिक और व्यापार संबंधों को काट दिया. हालाँकि कतर ने आरोपों को “आधारहीन” के रूप में खारिज कर दिया.