रियाद – सऊदी की सड़कों पर आये दिन भयंकर हादसे होते रहते है जिसकी वजह यह है सऊदी वासी सड़कों पर तेज़ गाड़ी चलाते है, दिल दहलाने वाले स्टंट करते है साथ ही यातायात नियमों का उल्लंघन भी करते है. इन सभी मामलों को मद्देनज़र रखते हुए यातायात के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए जल्द ही मस्जिदों के मंच का इस्तेमाल किया जाएगा.
सऊदी गेजेट के मुताबिक, इस्लामी मामलों के मंत्रालय का मार्गदर्शन और यातायात विभाग जल्द ही इस प्रभाव के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेंगे. इस अभियान में मस्जिद के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा. मस्जिद के अधिकारी लोगों को यातायात नियामों के बारे में जागरूक करेंगे साथ ही वह यातायात नियमों का पालन ना करने से होने वाले खतरों के बारे में भी बताएँगे.
एजेंसी फॉर मस्जिद अफेयर्स के अधिकारियों ने मंगलवार को रियाद में मंत्रालय के मुख्यालय में वरिष्ठ यातायात विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत की और इस उद्देश्य के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने पर सहमति ज़ाहिर की है.
सोशल मीडिया के माध्यम से करेंगे जागरूक
आपको बता दें कि यह जागरूकता हर जुमे को की जाएगी. इस कार्यक्रम में मस्जिद के इमाम और मस्जिद के बड़े अधिकारी शामिल होंगे जो लोगों को यातायात के नियामों के बारे जागरूक करेंगे. साथ ही इमाम सोशल मीडिया के से माध्यम से भी लोगों से जुड़े रहेंगे और जागरूकता अभियान चलेंगे. साथ ही सोशल मीडिया पर यातायात सम्बन्धित सन्देश भी जारी करेंगे.
सऊदी अरब दुनिया की सबसे बड़ी सड़क दुर्घटना दर में से एक है. सऊदी में सालाना औसतन 460,000 दुर्घटनाए होती है जिसके मद्देनज़र यह कदम उठाया गया है. साथ ही मस्जिदों के इमाम को इस अभियान से जोड़ने का मकसद ख़ास है क्योंकि इमाम की बातों को लोग नकारेंगे नहीं और लोग यातायात नियमों का पालन भी करेंगे. इसलिए सऊदी सरकार ने यह बड़ा फैसला लेते हुए यह ज़िम्मेदारी मस्जिदों के इमाम को सौंपी है.
इमाम को शामिल करने का मकसद
मस्जिद मामलों के उप मंत्री शेख अजीब बिन सईद अल-मिस्बेल ने यातायात दुर्घटनाओं को कम करने और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सऊदी इन प्रयासों पर काम कर रहा है. उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए यातायात जागरूकता कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला, जिन्होंने राज्य भर में हजारों लोगों का दावा किया और कहा की हर साल दुर्घटना में अरबों रियाल का नुक्सान होता है. जो देश के लिए बेहद अफ़सोस जनक है.
ओकाज़ अखबार के मुताबिक, अल-मिस्बेल ने कहा, “अगर हम बुजुर्गों और युवाओं को विभिन्न शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता प्रदान कर सकते हैं तो यह यातायात उल्लंघन और दुर्घटनाओं को काफी कम करने में योगदान देगा.” इमाम को इस अभियान में शामिल करना फायदेमंद साबित होगा.
यातायात विभाग के महानिर्देशक मेजर जनरल मोहम्मद अल-बस्सामी ने इसके सहयोग के लिए मंत्रालय का शुक्रिया किया