CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, यमन में एक स्कूल बस पर एक विनाशकारी हमले में सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा इस्तेमाल किए गए बम को सऊदी अरब के साथ अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा स्वीकृत हथियारों के सौदे के हिस्से के रूप में बेचा गया था. यमन के मासूमों की जान लेने वाले बम अमेरिका ने सऊदी को दिए थे.
स्थानीय यमनी पत्रकारों और दुश्मन विशेषज्ञों के साथ काम करते हुए, सीएनएन ने स्थापित किया है कि 9 अगस्त को दर्जनों बच्चों की मौत हो गई हथियार 500 पाउंड (227 किलोग्राम) लेजर निर्देशित एमके 82 बम लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाई गई थी. सऊदी यमन पर हमला करने के लिए अमेरिका द्वारा दिए बमों का इस्तेमाल करता है.
आपको बता दें कि, सऊदी अरब के सैनिक गठबंधन के प्रवक्ता जनरल तुर्की अलमालेकी ने एक बयान दाग़ दिया कि गठबंधन के युद्धक विमान ने जो हमला किया और जिसमें सअदा में बच्चों को ले जाने वाली बस निशाना बनी और नतीजे में 43 मासूम मौत की नींद सो गए तथ 63 लोग घायल हुए वह क़ानूनी सैनिक कार्यवाही थी। प्रवक्ता ने दावा किया कि यह हमला उन लोगों को निशाना बनाकर किया गया जिन्होंने जाज़ान पर बैलेस्टिक मिसाइलों से हमलों की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। सऊदी अरब की बमबारी अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों के दायरे में थी।
इस नरसंहार से अभी कुछ ही दिन पहले अलहुदैदा शहर पर सऊदी गठबंधन ने ज़मीनी, हवाई और समुद्री हमला किया था जिसके नतीजे में 55 आम नागरिक मारे गए थे और 170 घायल हो गए थे। इससे पता चलता है कि आम नागरिकों को मारना किसी ग़लती का नतीजा नहीं बल्कि सोची समझी रणनीति का नतीजा है।