सऊदी ने लगाया भारतीय प्रवासियों पर ये टैक्स, अभी अभी सैकड़ों परिवार संकट में
सऊदी में रहने वाले हर देशों के प्रवासियों को नौकरी से निकाला जा रहा है. सऊदी में बड़ी संख्या में भृत्य प्रवासी भी नौकरी करते है. अब ऐसे में सऊदी सरकार ने छोटे पदों पर काम करने वाले प्रवासियों को तो निकालना शुरू किया है लेकिन बड़े पदों जैसे डॉक्टर या फिर इंजिनियर जैसी नौकरी से प्रवासियों को निकाला तो नहीं है लेकिन सऊदी में रहने वाली भारतीय परिवारों की मुश्किलें ज़रुर बढ़ा दी है.
सऊदी ने यहाँ रहने वाले प्रवासियों पर फॅमिली टैक्स इतना ज्यादा लगा दिया है जिसकी वजह अब परिवारों के पास नौकरी छोड़ने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है. मोहम्मद इरशाद मंगलुरु की एक इंजिनियरिंग कंपनी में काम करते हैं. इस कंपनी उन्हें उतना पैसा नहीं मिलता जितना कि वह कुछ महीने पहले पाते थे लेकिन वह इस बात से खुश हैं कि उनके पास कम से कम एक जॉब है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इरशाद के विपरीत उनके कई मित्र, रिश्तेदार और पहचान के लोग पिछले साल जुलाई में खाड़ी देश सऊदी अरब में फैमिली टैक्स या आश्रित फीस लागू होने के बाद से स्वदेश लौटने के लिए मजबूर हुए हैं और जॉब के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. फैमिली टैक्स लागू होने के बाद खाड़ी देशों में रह रहे या काम कर रहे हजारों भारतीय कामगारों को स्वदेश लौटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
इनमें से ज्यादातर कामगार तटीय कर्नाटक, दक्षिण कन्नड़ के रहने वाले हैं. इस टैक्स के लागू होने के बाद उनकी आय बहुत प्रभावित हो गई थी. सऊदी अरब में नौकरियों में स्थानीय लोगों को बढ़ावा देने, वैध विदेशियों की संख्या को सीमित करने तथा विदेशियों के अवैध प्रवास को रोकने के लिए फैमिली टैक्स लागू होने से पहले सऊदी अरब एक टैक्स फ्री देश था.
आपको बता दें की पहले सऊदी में रहने वाले प्रवासी पर हर महीने 300 सऊदी रियाल यानी 5500 रूपए का टैक्स देना होता था जो बी दुगना हो गया है जिसकी वजह से बड़ी तादाद में भारतीय प्रवैयों को भारत वापस आना पड़ रहा है. आगे हालत और मुश्किल होने की उम्मीद है.
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