सऊदी में बिमार होने पर भी एक मालिक का दिल थोड़ा भी अपने ड्राइवर पर नहीं पिघला और उसने बीमार कामगार को तड़पता हुआ छोड़ दिया. उस जालिम मलिक ने इलाज कराना तो दूर ड्राइवर का वेतन भी नहीं दिया. जबकि ड्राइवर उसके आगे हाथ जोड़कर गिरगिराता रहा. लेकिन फिर भी मालिक उससे काम करवाता रहा. सऊदी में के साथ कई यातनाएं सहने वाले शख्स का नाम संजीव कुमार हैं. जिसनें अपनी आप बीती खुद बताई है.
संजीव कुमार ने बताया कि 16 जनवरी 2016 को वह घरेलू ड्राइवर के तौर पर अब्दुल्ला हार्जी नामी कंपनी में सऊदी अरब गया था, पर वहां पर उसे बड़ा ट्राला चलाने के लिए मजबूर किया गया. उसके मना करने पर उसे वेतन देना बंद कर दिया. इसके बाद जब कोई चारा नहीं था, तो मालिक की यातनाएं सहते हुए उसने ट्राला चलाना शुरू कर दिया. जब उसने छुट्टी मांगी तो उसे जान से मारने की धमकियां दी जाने लगीं. संजीव ने बताया कि कुछ देर बाद उसकी डिस्क में समस्या आ गई थी, जिस वजह से वो गाड़ी नहीं चला सकता था, तो मालिक ने उसका न तो इलाज करवाया और न 3 महीने का वेतन दिया.
उसने साथी ड्राइवरों से खाना मांगकर खाया. जब कोई चारा नहीं रहा तो उसने हिन्दुस्तान में अपने परिवार वालों को सारी कहानी बताई. परिवार वालों ने संजीव तलवाड़ को बताया और उसकी रिहाई संभव हो पाई. अंत में विदेश मंत्रालय के मदद से वो भारत लौट आया. उसने अपने वतन लौटकर चैन की सांस ली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत कई लोगों का धन्यवाद किया.