सऊदी में रहने वाला यह भारतीय 20 सालों से तरस रहा है स्वदेश लौटने को
जेद्दाह: एक भारतीय प्रवासी जो पिछले 20 सालों में एक बार अपने परिवार को घर वापस नहीं गया ना ही अपने परिवार से फ़ोन पर बात की है. एक साल से भी ज्यादा समय से सऊदी अस्पताल में कोमा है. दिलचस्प बात यह है कि परिवार का कहना है कि 43 वर्षीय मोहम्मद शमशुद्दीन दो दशकों से परहेज कर रहे थे की कोई उन्हें वापस भारत ना भेज दे.
परिवार बेताब है क्योंकि एक नर्स के साथ एक स्ट्रेचर को छोड़कर भारतीय वापस घर नहीं जा सकता है, और इसकी कीमत 5000 डॉलर से अधिक है लेकिन इस भारतीय के पास इतने ज़्यादा पैसे नहीं है की यह भारत लौट सके. अब इस भारतीय प्रवासी ने भारतीय दूतावास और समुदाय को मदद मांगी है.
तेलंगाना के राजन्ना सिरसिला जिले के एक मूल शमशुद्दीन को एक साल पहले एक गंभीर स्ट्रोक और मस्तिष्क के रक्तचाप के बाद दम्मम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
शमशुद्दीन अब सिर्फ बिस्तर पर लेटे रहते है. वह सिर्फ अपनी आँखें खोल या बंद कर सकते है. जब वह किसी के पास जाता है तो उसे ट्यूब-फेड किया जाता है और किसी से मिलते वक़्त उसके आँसू छलक जाते है. हर दिन उसका दुःख बढ़ता ही जा रहा है.
शमशुद्दीन के दस्तावेजों से पता की वह अवैध तरीके से सऊदी में रह रहा है. अपने परिवार की खराब वित्तीय स्थितियों के कारण सूत्रों ने कहा कि शमशुद्दीन जीवित रहने के लिए अजीब नौकरियों की तलाश कर रहा था. जब उसके माता-पिता की मौत हुयी तब भी वह भारत नही जा सका.
सूत्रों ने बताया कि उनके भाई सऊदी में एक निजी ड्राईवर के रूप में काम करते है. उन्होंने कई बार उससे मिलने की कोशिश की थी लेकिन शमशुद्दीन ने मिलने से इनकार कर दिया.
शमशुद्दीन की अवैध स्थिति उनके लिए एक मुद्दा है, साथ ही एक पुलिस मामला जो उसके खिलाफ कार किराए पर लेने के लिए दायर किया गया है.
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