सऊदी में रहने वाले हर देशों के प्रवासियों को नौकरी से निकाला जा रहा है. सऊदी में बड़ी संख्या में भृत्य प्रवासी भी नौकरी करते है. अब ऐसे में सऊदी सरकार ने छोटे पदों पर काम करने वाले प्रवासियों को तो निकालना शुरू किया है लेकिन बड़े पदों जैसे डॉक्टर या फिर इंजिनियर जैसी नौकरी से प्रवासियों को निकाला तो नहीं है लेकिन सऊदी में रहने वाली भारतीय परिवारों की मुश्किलें ज़रुर बढ़ा दी है.
श्रम और सामाजिक विकास मंत्रालय (एमएलएसडी) ने अपने प्रारंभिक स्तर पर प्रवासियों पर लगाये जाने वाले टैक्स रखने के अनुरोध के बारे में सोशल मीडिया अफवाहों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया है. श्रम और सामाजिक विकास मंत्री ने सऊदी चैंबर की परिषद में ठेकेदार के लिए राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ एक बैठक के दौरान इस स्पष्टीकरण को बनाया. बैठक में सऊदीकरण कार्यक्रम का समर्थन करने वाली फर्मों के लिए श्रम और सामाजिक विकास की व्यवस्था को सक्रिय करने पर जोर दिया गया.
प्रवासी पर लगा फैमिली टैक्स
सऊदी ने यहाँ रहने वाले प्रवासियों पर फॅमिली टैक्स इतना ज्यादा लगा दिया है जिसकी वजह अब परिवारों के पास नौकरी छोड़ने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है. मोहम्मद इरशाद मंगलुरु की एक इंजिनियरिंग कंपनी में काम करते हैं. इस कंपनी उन्हें उतना पैसा नहीं मिलता जितना कि वह कुछ महीने पहले पाते थे लेकिन वह इस बात से खुश हैं कि उनके पास कम से कम एक जॉब है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इरशाद के विपरीत उनके कई मित्र, रिश्तेदार और पहचान के लोग पिछले साल जुलाई में खाड़ी देश सऊदी अरब में फैमिली टैक्स या आश्रित फीस लागू होने के बाद से स्वदेश लौटने के लिए मजबूर हुए हैं और जॉब के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं.
इनपुट: wna