सऊदी सरकार की शिक्षा मंत्रालय ने एक अहम आदेश जारी किया है। जो पूरे सऊदी अरब में लागू भी हो गया है। शिक्षा मंत्रालय ने यहां के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाये जाने वाले सिलेबस में इस्लामिक दर्शन को हटा दिया है। अब से इस्लामिक दर्शन के अंतर्गत आने वाले बौद्धिक चेतना, प्रतिरक्षा और इस्लामी अंतर्दृष्टि की पढ़ाई नहीं होगी। यानि कि अब इस विषयों को बच्चों के सिलेबस से हटा दिया गया है। जबकि शिक्षा मंत्रालय ने इस्लामिक दर्शन से संबंधित सभी समितियों को भी भंग कर दिया है।
कहा जा रहा है कि इस्लामी जगत का ठेकेदार कहलाने वाला सऊदी अरब ने ऐसा अमेरिका और अपने पश्चिमी आकाओं को खुश करने के लिए किया है। इस आदेश को इस्लाम से खिलवाड़ माना जा रहा है। कयोंकि सऊदी ने देश भर के स्कूलों में इस्लामी शिक्षा पर रोक लगाते हुए आदेश दिया है कि सऊदी अरब के स्कूलों में इस्लामिक दर्शन को पाठ्य पुस्तकों से हटा दिया जाए।
मालूम हो कि सऊदी के स्कूलों में इस्लामिक दर्शन की पढ़ाई 1969 से हो रही थी। ऐसा कहा जा रहा है कि इस्लाम को मानने वाले बुद्धिजीवी या इस्लामिक संगठन इस आदेश का विरोध भी कर सकते हैं।