नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया है. वहीं, रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6% किया गया है. बढ़ती महंगाई की वजह से रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट बढ़ाया गया है. MPC में सभी दरें बढ़ाने के पक्ष में वोट किया. आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई में छह सदस्यीय मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) की 4 जून से मीटिंग हो रही थी जिससे बाद ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं. आपको बता दें, जनवरी 2014 के बाद पहली बार रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बदलाव किया है.
सस्ते कर्ज का दौर खत्म
मॉनिटरी पॉलिसी के बाद RBI ने रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान किया. रेपो रेट बढ़ने से हर तरह के लोन की EMI बढ़ेगी. रिजर्व बैंक के इस कदम से साफ है कि अब सस्ते कर्ज का दौर खत्म हो रहा है और आपको महंगे कर्ज के लिए तैयार रहना होगा. हालांकि, आरबीआई ने CRR में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 4 फीसदी पर बरकरार है. एमपीसी के सभी सदस्यों ने दर बढ़ाने के पक्ष में वोट किया.
महंगाई बढ़ने का अनुमान
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने महंगाई बढ़ने का अनुमान जताया है. वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में महंगाई 4.8-4.9 फीसदी रह सकती है. वहीं, दूसरी छमाही में इसमें मामूली गिरावट आने की संभावना है और यह 4.7 फीसदी पर रह सकती है.
ग्रोथ अनुमान बरकरार
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.4 फीसदी पर बरकरार रखा है. अप्रैल-सितंबर के बीच जीडीपी ग्रोथ 7.5-7.6 फीसदी रहने का अनुमान है. अक्टूबर-मार्च के बीच जीडीपी ग्रोथ 7.3-7.4 फीसदी रहने का अनुमान है. आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान बढ़ा दिया है. अप्रैल-सितंबर के बीच महंगाई दर 4.8-4.9 फीसदी रहने का अनुमान है. अक्टूबर-मार्च के बीच महंगाई दर 4.7 फीसदी रहने का अनुमान है.
मोदी सरकार में पहली बार रेपो रेट बढ़ा
मोदी सरकार के कार्यकाल में यह पहला मौका है जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ाया है. RBI गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में हुई MPC मीटिंग पहली बार 3 दिन चली है. इससे पहले यह दो दिन की होती रही है. आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई में छह सदस्यीय मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) की 4 जून से मीटिंग शुरू हुई थी.