दो साल पहले सऊदी अरब के शहर जेद्दाह में यूएस वाणिज्य दूतावास पर हमला कर खुद को बम बिस्फोट से उड़ा लेने वाला हमलावर एक भारतीय था, इस हमलावर का नाम फयाज कागजी था और यह कथित रूप से लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था.
डीएनए से हुआ मेल
एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया की सऊदी अरब में भेजे गए डीएनए नमूने जेद्दाह बॉम्बर – लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटर फयाज काग्ज़ी के साथ मेल खाते हैं.
कब हुआ बिस्फोट ?
4 जुलाई, 2016 को जेद्दाह में एक बम विस्फोट हुआ था, जिसमे दो सुरक्षा अधिकारी घायल हो गए थे. उस दिन राज्य पर हमला करने वाले तीन हमलों में से पहला था. अन्य दो कतिफ में शिया मस्जिद के पास और मदीना में मस्जिद-ए-नब्वी के बाहर विस्फोट के रूप में भी थे.
कई जगह किये हमले
वर्ल्ड न्यूज अरेबिया को मिली खबरों के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली में एक विशेष अदालत को सूचित किया की इस हमले का आतंकवादी मास्टरमाइंड मर चुका है. एनआईए का मानना है कि महाराष्ट्र के बीड का निवासी कागजी पुणे में साल 2010 में हुए जर्मन बेकरी और 2012 में हुए जेएम रोड विस्फोट का ‘मास्टरमाइंड’ और ‘फाइनेंसर’ था.
सऊदी अधिकारियों ने जब पहली बार जेद्दाह बॉम्बर की तस्वीर जारी की थी और उन्हें पाकिस्तानी राष्ट्रीय अब्दुल्ला कल्जर खान कहा था. महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दल के अधिकारियों ने तस्वीर में आदमी को फयाज काग्ज़ी के रूप में पहचाना और बाद में एनआईए की मदद से, जेद्दाह में अपने इस संदेह को साझा किया.
काग्ज़ी 2006 में बांग्लादेश के माध्यम से पाकिस्तान चले गया और भारतीय नागरिकों की भर्ती की निगरानी के लिए सऊदी अरब में अपना आधार स्थानांतरित कर दिया. सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान में रहते हुए उन्होंने अब्दुल्ला कल्जर खान का एक नया नाम लिया.
टीआईई ने बताया कि 2014 में काग्ज़ी ने इस्लामी राज्य में अपना निष्ठा बदल दिया हो और बाद में जेद्दाह हमले करने के लिए काम किया.
सूत्रों के अनुसार, कागजी 2006 के औरंगाबाद आर्म्स केस में भी ‘वांछित आरोपी’ था, जिसमें जैबुद्दीन अंसारी ऊर्फ अबू जंदाल पर मुकदमा चल रहा है. अबू जंदाल कथित रूप से मुंबई हमले का हैंडलर था. कागजी का नाम इंटरपोल की वांछित सूची में भी है. ऐसा माना जाता है कि कागजी ने अजमल कसाब सहित मुंबई पर हमला करने वाले दस आतंकियों को हिंदी सिखाई थी