क़तर, कुवैत, बहरीन, अरब और  यूएई ने बुधवार को तीन महीने का वीजा एमनेस्टी प्रोग्राम लॉन्च किया। इससे गैर-कानूनी तौर पर काम कर रहे विदेशियों को फायदा होगा। इनमें भारतीयों की संख्या भी काफी ज्यादा है।

इसके तहत उन्हें या तो बगैर पैनल्टी के देश छोड़ने की इजाजत दी गई है या 6 महीने के भीतर नई नौकरी ढूंढने की। बता दें कि यूएई में 28 लाख भारतीयों का घर है। प्रवासियों की संख्या में यहां भारतीय सबसे ज्यादा हैं। इनमें 15 से 20 प्रतिशत प्रफेशनली क्वालिफाइड हैं।

 
वहां की सरकार ने संख्या न जाहिर करते हुए कहा कि भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और फिलीपींस से आने वाले हजारों लोग, खास तौर पर मजदूर वर्ग को इसका फायदा होगा, साथ ही वे आसानी से अपने देशों को लौट पाएंगे। ब्लैकलिस्टेड और जिन लोगों के खिलाफ कानूनी मामले चल रहे हैं, उन्हें इस सुविधा का लाभ नहीं होगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले 10 साल में यूएई सरकार की तरफ से यह ऐसी सुविधा तीसरी बार मिल रही है।

वीजा एक्सपायर होने के बाद भी वहां रह रहे प्रवासी बगैर किसी जुर्माने, जेल, प्रतिबंध के देश छोड़ सकते हैं या फिर वे नए स्पॉन्सर्ड वीजा के जरिए वहां रहना जारी रख सकते हैं। लक्ष्मी देवी रेड्डी नाम की महिला एक हाउसमेड के तौर पर एक घर में काम करती थी। वह 2 साल पहले वहां से भाग गई थी क्योंकि उसका एम्प्लॉयर उसे अपने परिवार से बात करने की इजाजत नहीं देता था। लक्ष्मी ने बताया कि जो आउटपास उसे पहले मिला था, वह जून में एक्सपायर हो गया था।
लक्ष्मी ने बताया, ‘मैंने उसे एक महीने के लिए एक्सटेंड करा लिया था, मैंने जुर्माना भी भरा था, लेकिन मैं नहीं जा सकी क्योंकि मुझे पुलिस क्लीयरेंस नहीं मिला। मुझे लगता है कि मेरे एम्प्लॉयर ने मेरे खिलाफ केस फाइल कर दिया था। मुझे उम्मीद है कि अब बगैर किसी जुर्माने के मैं घर जा सकूंगी।’

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