नौकरी दिलाने के लिए फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र देकर नौ लाख रुपये की धोखाधड़ी के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में दो महिलाएं भी हैं। तीनों आरोपी प्रताप नगर जयपुर राजस्थान के रहने वाले हैं। इसी साल जनवरी में हुए धोखाधड़ी के इस मामले में पुलिस एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। बाकी तीन नामजद आरोपी फरार चल रहे थे। पुलिस ने इन तीनों पर इनाम भी घोषित किया था।
शनिवार को घटना का खुलासा करते हुए सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी ने बताया कि करन बोरा निवासी पुरानी आईटीआई बरेली रोड ने पांच जनवरी को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके भाई से नौकरी के नाम पर 9 लाख की ठगी हुई थी। उसे फर्जी नियुक्ति पत्र देकर छला गया था। जांच में जुटी पुलिस एक आरोपी अंशु मौर्य को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पुलिस की जांच में दो महिलाओं समेत तीन आरोपियों के नाम सामने आए थे।
इनमें रजत भुटानी पुत्र वंशीलाल भुटानी और उसकी पत्नी दीपा भुटानी निवासी भगवान सहाय सेक्टर-17 नियर सेक्टर 16 की पुलिया प्रतापनगर थाना प्रतापनगर जयपुर राजस्थान और किरन आर्या पुत्री शंकर कुमार आर्या निवासी कौशानी बागेश्वर, हाल निवासी भगवान सहाय सेक्टर-17 नियर सेक्टर-16 की पुलिया प्रतापनगर थाना प्रतापनगर जयपुर राजस्थान शामिल थे। तीनों के नाम सामने आने के बाद पुलिस लगातार उनके ठिकानों पर दबिश दे रही थी, लेकिन वह कभी भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े। इसके बाद पुलिस ने रजत भुटानी पर 2500 रुपये और किरन-दीपा पर 1500-1500 रुपये के इनाम घोषित किए।
आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस की पूछताछ में कबूल किया कि वह अब तक करीब 60-70 लाख की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने उन्हें पहली बार पकड़ा है। वह ठगी करने के बाद मलेशिया और दुबई भाग जाते थे। तीनों से पासपोर्ट और फर्जी नियुक्तियां देने संबंधी कई कागजात भी बरामद हुए हैं। तीनों आरोपियों को कोर्ट में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया है। आरोपियों को पकड़ने वाली टीम में एसआई संजीत राठौर, एचसीपी दीपक अरोरा, सिपाही जितेन्द्र कुमार, अरुण राठौर, वीरेन्द्र चौहान, पूजा आदि रहे।