भारत से हर साल लाखों लोग दुबई या यूएई में जॉब के लिए जाते हैं। अक्सर ऐसी रिपोर्ट आती है कि वहां उनकी सैलरी कम कर दी गई या कंपनी कई महीनों से बिना सैलरी दिए ही काम करा रही है। कई बार तो उनके दस्तावेज तक छीन लिए जाने की खबरें सामने आती हैं। सामान्य धारणा यह बन चुकी है कि दुबई में बच कर जॉब करें नहीं तो आपके साथ कुछ भी हो सकता है। हालांकि ऐसा नहीं है। वहां की सरकार अपने यहां काम करने वाले विदेशी नागरिकों को कुछ अधिकार भी देती है। अगर आप यूएई की किसी फर्म में काम कर रहे हैं तो कंपनी आपकी सैलरी बिना आपकी मर्जी के कम नहीं कर सकती है।
विदेशी कामगारों को मिलते हैं अधिकार
दुबई से निकलने वाले अखबार खलीज टाइम्स में कई देशों में काम करने वाली लॉ फर्म Ashish Mehta & Associates की ओर से लिखे एक आर्टिकल के मुताबिक, यूएई का लेबर कानून अपने यहां काम करने वाले विदेशी कामगारों को कई तरह के अधिकार देता है। अगर आप भी दुबई जा रहे हैं या फिर की किसी फर्म में जॉब करते हैं तो आप भी अपने ये अधिकार जान सकते हैं। अगर आपकी कंपनी भी आपसे किसी तरह के धोखा करती है तो आपके पास भी यूएई के काननू के मुताबिक, न्याय पाने का अधिकार है।
आइए जानते हैं इन्हीं अधिकारों के बारे में…..
नोट: कामगारों से जुड़े ये कानून सिर्फ यूएई में ही लागू होते हैं। सऊदी अरब या अन्य देशों में दूसरे कानून लागू होते हैं..
नंबर-1: सैलरी कम नहीं कर सकती कंपनी कंपनी
दुबई में काम करने वाली कोई भी कंपनी सीधा अपने कर्मचारी की सैलरी कम नहीं कर सकती है। ऐसा करने के लिए उसे आपसे इजाजत लेनी होगी।
नंबर-2 : आपका ओहदा भी कम करने का अधिकार नहीं
UAE के कानून के मुताबिक, वहां काम करने वाली किसी भी फर्म के पास अपने कर्मचारी की डेजिग्नेशन कम करने का अधिकार नहीं है। ऐसा करने पर आप कंपनी के खिलाफ लेबर कोर्ट जा सकते हैं। यह अपनी रजामंदी से ही ऐसा कदम उठा सकती है। ‘
नंबर-3 : सिर्फ इन्हीं काम के लिए काट सकती है पैसा
अगर आप दुबई की किसी कंपनी में काम करते हैं तो वह आपकी सैलरी से पैसे काट सकती है। हालांकि ये कटौती पीएफ जैसी सोशल वेलफेयर स्क्रीम के लिए ही हो सकती है। कोई भी कंपनी सिर्फ उन स्कीम्स के नाम पर ही पैसा काट सकती है, जिन्हें वहां की सरकार ने अप्रूव किया है। बाकी किसी स्कीम के नाम पैसा काटा जाता है तो आप लेबर डिपार्टमेंट में शिकायत कर सकते हैं।
यूएई का कानून देता है अधिकार
रिपोर्ट के मुताबिक, रोजगार से जुड़े यूएई के 1980 के कानून के आर्टिकल 60 से जुड़े नियम नंबर 8 के मुताबिक, किसी भी कर्मचारी के वेतन से कटौती सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही हो सकती है। इसके मुताबिक, अगर आपको इम्ल्लॉयर ने तय रकम से ज्यादा सैलरी दे दी हो या फिर सोशल सिक्युरिटी फंड में पैसा जमा करना है तभी वेतन में कमी की जा सकती है।