संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में एक महिला को उसके पूर्व नियोक्ता द्वारा गलत तरीके से भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। इस वजह से इंडियन महिला वहां चार महीने से फंसी हुई रही। लेकिन अब उस इंडियन महिला के लिए अच्छी खबर सामने आयी है। जो उसकी परेशानी को दूर कर देगी। बता दें कि इंडियन महिला को अधिकारियों ने यहां से बाहर जाने की मंजूरी दे दी है।
इसके अतिरिक्त उसके द्वारा दिये गये शुल्क से कुछ राशि भी वापस कर दी। गल्फ न्यूज की रिपोर्ट में कल बताया कि एक आईटी कंपनी में प्रशासनिक कार्यकारी के तौर कार्य करने के लिए बेंगलूर निवासी गीता कृष्णमूर्ति 2015 में रोजगार वीजा पर यूएई आयी थी। जनवरी 2017 में वह हिंदुस्तान छुट्टियों पर गयी थी। इसी दौरान उसकी कंपनी बंद हो गयी जिसके कारण वह वापस नहीं आई। इस वर्ष मार्च में गीता हिंदुस्तान में स्थित यूएई दूतावास गयी। उसने अपना रोजगार वीजा रद्द करा दिया व जॉब खोजने के लिए एक महीने का भ्रमण वीजा लेकर यूएई गयी । जॉब पाने में असफल रहने पर उसने वापस आने का निर्णय किया । रिपोर्ट में बताया गया कि गीता को दुबई हवाई अड्डे पर रोक दिया गया क्योंकि पूर्व नियोक्ता ने उसे फरार के तौर पर सूचीबद्ध कराया दिया था ।
गीता ने बताया कि नियोक्ता से संपर्क करने पर उसने 10000 दिरहम (1,87,014 रुपये) मांगें । उसने दोस्त से पैसा लेकर एडवोकेट किया लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला । अंतत: वह दुबई में जनरल डायरेक्ट्रेट आफ रेजीडेंसी एंड फारेनर्स अफेयर्स (जीडीआरएफए) के पास गयी व 220 दिरहम जुर्माना एवं 520 दिरहम अपनी फाइल से फरार का लेबल हटाने का शुल्क दिया। जीडीआरएफए के ऑफिसर्स ने महिला के मैटर को समझा और उसे जाने की इजाजत दे दी। इसके साथ ही महिला ने शुल्क के रूप में जो 500 दिरहम जमा किये थे उसे भी लौटा दिया।