कल बीते दिन मंगलवार को DGCA ने एयरइंडिया एक्सप्रेस के एक पायलट को पूरे एक साल के निलंबित कर दिया है। दरअसल एक विमान फ्लाइट IX-384 दुबई से आ रही थी, जिसके पायलट ने 30 जून को मैंगलोर हवाई अड्डे पर विमान उतारते समय रनवे का निरीक्षण किया। विमान की गति अधिक थी और यह रनवे 24 के दहलीज क्षेत्र से लगभग 900 मीटर (2,952 फीट) देर से नीचे पहुंची।
सूत्रों से मिली जानकारी में पता चला कि जहां से रनवे की पट्टी शुरू होती है उस क्षेत्र के बगल में टचडाउन ज़ोन है, जहाँ लैंडिंग के दौरान विमान को नीचे छूना चाहिए जो पायलट द्वारा निरिक्षण करते वक़्त नहीं छुलाया गया। पायलट का लाइसेंस, कैप्टन प्रवीण तुमराम को कल मंगलवार के दिन नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एक साल के लिए निलंबित कर दिया था। बताया जा रहा है कि हवाई अड्डे ने नौ साल पहले उसी रनवे पर एक समान घ’टना देखी थी जिसमें एक ही एयरलाइन का एक विमान शामिल था।
गौरतलब है कि पिछले नौ साल पहले 22 मई, 2010 को एक एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान, जो दुबई हवाई अड्डे से मंगलोर हवाई अड्डे के लिए आ रही थी, उसने रनवे 24 को ओवरशूट किया और सीमा की बाड़ से टकरा गई जिसमे 152 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों की मौ’त के साथ सिर्फ 8 लोगों की जान बच सकी। इस घ’टना का कारण पायलट-इन-कमांड की विफलता ” अस्थिर दृष्टिकोण ” को रोकना था और प्रथम अधिकारी के तीन कॉल के बावजूद लैंडिंग जारी रखने में उसकी दृढ़ता थी।
ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वॉर्निंग सिस्टम (EGPWS) से कई तरह की चेतावनियाँ दी। कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी ने पाया, “रनवे 24 की शुरुआत से विमान का अंतिम टचडाउन लगभग 5200 फीट (1584 मीटर) पर था, विमान को रोकने के लिए केवल 2800 फीट की दूरी थी।