AkhandIndia (New Delhi) ★Scientists at CMERI, Durgapur are set to bring another revolution in the field of agricultural technology. They have developed a battery-operated tractor that can be used for farming as well as transportation. The tractor has been designed keeping in mind the farmers in the border areas of the country.
This tractor will be affordable for farmers as it runs on battery power. The cost of charging is also minimal. The tractor utilizes various other technologies as well.
According to the scientists, this tractor uses a lithium battery. It can run for 4 hours on a 4-hour charge. To reduce battery consumption, the horse power of the tractor has been reduced to 26.
The company claims that the lithium battery used in the electric tractor has a lifespan of 5 years. Additionally, when the tractor is not being used for farming or transportation, the battery can be used as a generator. The necessary arrangements have been made for this purpose.
The battery-powered tractor is equipped with a display board that shows the battery usage and the remaining battery life. Many companies have already shown interest in commercially manufacturing this tractor. A company from Hyderabad has already taken this design to CMERI, Durgapur.
However, the certification process is still pending. The officials of the organization are making efforts to complete it soon. Once it is done, EV tractors can be introduced into the market very quickly. This achievement by the scientists at CMERI, Durgapur is expected to bring significant changes in the country’s entire agricultural system.
News Summary:
★Scientists at CMERI, Durgapur have developed a battery-operated tractor for farming and transportation, specifically targeting farmers in border areas.
★The tractor runs on a lithium battery and can run for 4 hours on a 4-hour charge.
★The tractor’s horse power has been reduced to 26 to minimize battery consumption.
★The tractor’s battery can also be used as a generator when not in use for farming or transportation.
खबर हिंदी में भी समझिए
दुर्गापुर के वैज्ञानिक कृषि क्षेत्र में एक और क्रांति लाने जा रहे हैं. सीएमईआरआई (CMERI), दुर्गापुर के वैज्ञानिकों ने बैटरी चालित ट्रैक्टर (battery operated tractor) विकसित किया है, जिससे कृषि कार्य किया जा सके. इसी प्रकार माल ट्रांसपोर्ट भी किया जा सकता है. ट्रैक्टर को देश के सीमांत क्षेत्रों के किसानों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है. इसे बनाने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक इस ट्रैक्टर में लिथियम बैटरी का इस्तेमाल किया गया है. यह ट्रैक्टर 4 घंटे चार्ज करने पर 4 घंटे तक चल सकता है. बैटरी की खपत को कम करने के लिए ट्रैक्टर की हॉर्स पावर को घटाकर 26 कर दिया गया है. कंपनी का दावा है कि इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर में इस्तेमाल की गई लिथियम बैटरी की उम्र पांच साल है. इसके अलावा जब ट्रैक्टर का उपयोग खेती या ट्रांसपोर्टेशन के लिए नहीं किया जा रहा हो, तो ट्रैक्टर की बैटरी को जनरेटर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. वह व्यवस्था यहां दी गई है. बैटरी से चलने वाले इस ट्रैक्टर में एक डिस्प्ले बोर्ड लगा है जिससे पता चलता है कि कितनी बैटरी इस्तेमाल हुई है या बैटरी कितने समय तक चलेगी. पहले से ही कई कंपनियों ने इस ट्रैक्टर को व्यावसायिक रूप से बनाने में रुचि व्यक्त की है. हैदराबाद की एक कंपनी इस डिजाइन को पहले ही दुर्गापुर के CMERI में ले जा चुकी है. हालांकि एजेंसी डायरेक्टर ने कहा “प्रमाणीकरण प्रक्रिया पेंडिंग है. संगठन के अधिकारी इसे जल्द पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. एक बार ऐसा हो जाने पर, ईवी ट्रैक्टरों को बहुत जल्दी बाजार में लाया जा सकता है. दुर्गापुर संस्था के वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि से देश की संपूर्ण कृषि व्यवस्था में भारी बदलाव आने की उम्मीद है.