परिवार में एक व्यक्ति सरकारी नौकरी में है, तो दूसरे को अनुकंपा का लाभ मिलेगा या नहीं इस पर पटना हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। बता दें, हरेंद्र कुमार की ओर से ये याचिका दायर की गई थी, जिसको न्यायमूर्ति ने खाजिर कर दिया। न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की एकल पीठ ने सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया कि जब परिवार का एक सदस्य सरकारी नौकरी में है तो परिवार के किसी अन्य सदस्य को अनुकम्पा पर नौकरी नहीं दी जा सकती है। बता दें, आवेदक के पिता पुलिस विभाग में तैनात थे।
क्या है मामला
याचिकर्ता ने बताया कि उसके पिता पुलिस विभाग में तैनात थे उनकी नौकरी के दौरान ही मृत्यु हो गई। पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी के लिए आवेदक ने विभाग में आवेदन को दिया।
विभाग ने अनुकंपा देने से किया था इनकार
विभाग ने ये कहते हुए उनके आवेदन को नामंजूर कर दिया कि परिवार के अन्य सदस्य सरकारी नौकरी में हैं तो परिवार के दूसरे सदस्य को अनुकंपा पर बहाली नहीं की जा सकती। इसके बाद विभाग के निर्णय को मृतक कर्मी के दूसरे पुत्र ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
कोर्ट ने बताई पूरी नीति
हाईकोर्ट ने कहा कि अनुकंपा पर नौकरी पाना किसी कर्मी के सदस्य का अधिकार नहीं होता है। आगे बताया कि सरकार ने ये व्यवस्था इसलिए चालू की है कि कर्मी की मृत्यु के बाद परिवार में वित्तीय संकट उत्पन्न नहीं हो।
परिवार को वित्तीय सहायता करने के उद्देश्य से ये योजना लागू की गई है, मगर जब परिवार के ही अन्य सदस्य पहले से सरकारी नौकरी में हैं तो दूसरे सदस्य को अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी जा सकती।
हाईकोर्ट ने आगे कहा कि आवेदक ने भी माना है कि उसका एक भाई पहले से सरकारी नौकरी में है। ऐसे में उन्हें आर्थिक मदद की कोई जरूरत नहीं है।

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