मुजफ्फरपुर जंक्शन को विश्व स्तरीय बनाने की परियोजना में देरी हो रही है। इस दिशा में काम करने के लिए ब्लॉक की आवश्यकता है। 24 मार्च, 2024 तक दोमंजिला कंबाइंड टर्मिनल चालू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन अब तक केवल पिलर ही बन सका है। इसके आगे बढ़ाने के लिए प्लेटफॉर्म एक, छह, सात और आठ पर ट्रेनों के परिचालन पर ब्लॉक की जरूरत है, लेकिन अब तक ब्लॉक की मंजूरी नहीं मिली है।

यदि ब्लॉक मिलता है, तो प्लेटफॉर्म दो और छह पर बनी छत को तोड़ा जाएगा। छत टूटने के बाद, फुट ओवरब्रिज निर्माण के लिए मिट्टी की जांच और अन्य कार्य शुरू हो सकेंगे। इसके अलावा, जंक्शन के समस्तीपुर छोर की ओर प्लेटफॉर्म दो और तीन के बीच स्थित पैनल भवन को तोड़ने का कार्य भी लंबे समय से लंबित है। परित्यक्त हो चुके चार मंजिला पैनल भवन को तोड़ने के लिए ब्लॉक की मांग को लेकर क्षेत्रीय कार्यालय को पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक ब्लॉक की अनुमति नहीं मिली है।

442 करोड़ रुपए की यह परियोजना दिसंबर 2025 तक पूरी होनी है। इस परियोजना के लिए जून 2022 में टेंडर जारी किया गया था और निर्माण कार्य शुरू हो गया। वर्तमान में, यह निर्माण कार्य जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में चल रहा है। जंक्शन के उत्तरी छोर में कंबाइंड टर्मिनल और दक्षिणी छोर की ओर अलग-अलग दफ्तरों के लिए भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है।

ब्लॉक की अनुमति मिलने पर, जंक्शन के दोनों फुट ओवरब्रिज को तोड़कर नए सिरे से निर्माण किया जा सकेगा। इस संबंध में, डीआरएम विवेक भूषण सूद ने बताया कि मानसून के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई है। जरूरत पड़ने पर ब्लॉक का उपयोग किया जाएगा और इसकी तैयारी चल रही है।

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