Medical Colleges to be Opened in Bihar’s Gopalganj and Munger Districts
The Bihar cabinet meeting, chaired by Chief Minister Nitish Kumar, approved the opening of medical colleges in Gopalganj and Munger districts of Bihar. The project, estimated to cost 2.99 billion, aims to enhance healthcare facilities in the state. Additionally, the cabinet approved Rs 73 crore for the purchase of equipment for a 500-bed medical college and hospital in Chhapra and allocated 1.51 billion to acquire land for a medical college in Munger.
Allocation of Funds for Agricultural Development and Education
The cabinet also approved Rs 226 crore for the fourth agricultural road map, focusing on the development of newly planted crops. An additional Rs 125 crore was allocated for the National Horticulture Mission to provide irrigation facilities to farmers, and Rs 64 crore for the Mission Agriculture Mechanization Scheme. On the occasion of Teacher’s Day, the cabinet approved Rs 163 crore 60 lakh for the construction of a science block, girls’ hostel, and staff quarters under Patna University.
Initiatives for Urban Poor and Religious Development
In a significant decision, the cabinet approved the implementation of social awareness, institutional development, and livelihood schemes for the urban poor. This initiative aims to expand capacity building, bank linkage, and income-generating activities of self-help groups in urban areas. The cabinet also granted administrative approval of Rs 72 crore 47 lakh for the development of Maa Janaki Janmabhoomi Temple in Punaura village. Additionally, Rs 120 crore 15 lakh 850000 was allocated for the construction of a Dharamshala in Gaya Ji Dham of Gaya district, providing high-level facilities to tourists and boosting local employment and business opportunities.
Summary:
- Bihar cabinet approves the opening of medical colleges in Gopalganj and Munger districts
- Funds allocated for agricultural development and education
- Initiatives for urban poor and religious development approved
- Construction of Dharamshala in Gaya Ji Dham to enhance tourism and local economy
खबर हिंदी में भी समझिए
बिहार में दो जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बिहार कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट में कुल 32 मुद्दों को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने 2.99 अरब रुपये की लागत पर बिहार के गोपालगंज और मुंगेर जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी है। इसके साथ ही, छपरा में 500 बेड वाले मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए उपकरणों की खरीद के लिए 73 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, मुंगेर में मेडिकल कॉलेज की भूमि खरीद के लिए 1.51 अरब रुपये की मंजूरी दी गई है।
इसके साथ ही, कैबिनेट ने चौथे कृषि रोडमैप के लिए 226 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। चौथे कृषि रोडमैप के तहत नए बोये गए फसलों के विकास के लिए 108 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, इसके अलावा, 16 करोड़ किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के लिए 125 करोड़ रुपये और मिशन कृषि मैकेनिजेशन योजना के तहत 64 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। शिक्षक दिवस के अवसर पर, पटना विश्वविद्यालय के तहत विज्ञान ब्लॉक गर्ल्स हॉस्टल और स्टाफ क्वार्टर के लिए 163 करोड़ 60 लाख की मंजूरी दी गई है।
इसके महत्वपूर्ण निर्णय के तहत, कैबिनेट ने सभी शहरी निकायों में जीविकामूलक के माध्यम से शहरी गरीबों के लिए सामाजिक जागरूकता, संस्थागत विकास और आजीविका योजनाओं के क्रियान्वयन की मंजूरी दी है। इसके तहत, शहरी क्षेत्रों में सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की क्षमता निर्माण, बैंक संपर्क और आय उत्पादन गतिविधियों को विस्तारित किया जा सकता है। कैबिनेट ने सीतामढ़ी जिले के पुनौरा गांव में स्थित मां जानकी जन्मभूमि मंदिर, जिसे पुनौरा धाम के नाम से भी जाना जाता है, के विकास के लिए 72 करोड़ 47 लाख की प्रशासनिक मंजूरी दी है।
नीतीश कैबिनेट ने गया जिले के गया जी धाम में धर्मशाला निर्माण के लिए 120 करोड़ 15 लाख 85 हजार की मंजूरी दी है। इसके तहत, पर्यटकों को उच्च स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक महान धर्मशाला बनाई जाएगी। इस धर्मशाला में आधुनिक सुविधाएं होंगी। इसके तहत, एक बी+जी+4 इमारत बनाई जाएगी। इसके अलावा, आठ सीढ़ियां, बस पार्किंग, कार पार्किंग और डाइनिंग के अलावा दो किचन, जनरल स्टोर, सुधा स्टोर आइसक्रीम पार्लर भी बनाए जाएंगे। सरकार की उम्मीद है कि अगर गया में पर्यटकों की संख्या बढ़ती है, तो सरकार को इससे राजस्व भी मिलेगा और आसपासी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और व्यापार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।